ये क्या हुआ चिराग न घर के रहे न घाट के, खुद को मोदी का हनुमान बताने वाले चिराग पर भाजपा मेहरबान होती नहीं दिख रही…

डेस्क: लोक जनशक्ति पार्टी के संरक्षक और पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के निधन से खाली हुई राज्यसभा की सीट को भाजपा एलजेपी को देने के मूड में नहीं दिख रही है।मन जा रहा है की ये स्तिथि जेडीयू और एलजेपी के बीच के तनाव के कारण बनी है।चिराग पासवान के नेतृत्व वाली एलजेपी का दावा होने के बावजूद जेडीयू की आपत्तियों के कारण यह उनके खाते में नहीं जा रही है। जेडीयू ने एलजेपी को सीट देने के खिलाफ अपनी आपत्ति दर्ज करा दी है। अब कयास ये लगाए जा रहे है कि यह सीट बीजेपी के खाते में जाएगी और बिहार के अन्य सत्ताधारी दल समर्थन करेंगे।

हाल ही में संपन्न हुए बिहार विधानसभा चुनाव में चिराग पासवान ने जेडीयू के खिलाफ जो कुछ भी किया वो किसी से छिपा हुआ नहीं है अब जेडीयू भी चिराग को रियात देने के मूड में नहीं दिख रही ।मालूम हो की चिराग पासवान ने जेडीयू के खिलाफ बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में अपने उम्मीदवार खड़े किए थे। इस कारण नीतीश कुमार की पार्टी मात्र 43 सीटों पर सिमट कर रह गई।अब जब चिराग पासवान अपनी मां रीना पासवान को राज्यसभा भेजना चाहते है तो जेडीयू के नेताओं ने बीजेपी के सामने अपनी राय रख दी है। नाम न बताने की शर्त पर जेडीयू के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि हमारी पार्टी किसी भी कीमत पर एलजेपी प्रत्याशी का समर्थन नहीं करेगी।

फ़िलहाल भाजपा यह बात अच्छे से जानती है और समझती भी है कि 243 सदस्यीय बिहार विधानसभा में 125 सीटों के साथ एनडीए सरकार चलाने के लिए जेडीयू कितनी महत्वपूर्ण हैं। ऐसी स्थिति में बीजेपी नीतीश कुमार को नाराज नहीं करना चाहती है और पार्टी ने अपना उम्मीदवार खड़ा करने का मन बना लिया है। हालांकि जेडीयू की उम्मीदवारी को भी खारिज नहीं किया जा सकता है। लेकिन पिछले मार्च में हुए राज्यसभा के लिए चुनाव में बिहार कोटे की पांच सीटों में से एनडीए के खाते में तीन सीट आई थी। जेडीयू को इसमें से दो और बीजेपी को एक सीट पर जीत मिली थी।