लगाना चाहते है सौर संयंत्र, पीएम कुसुम योजना के तहत सस्ती दरों पर मिलेगा लोन- बस बेफिक्र होकर कीजिये ये…

डेस्क : मोदी सरकार द्वारा प्रधानमंत्री किसान उर्जा सुरक्षा और उत्थान महाअभियान (कुसुम) योजना कि शुरुवात कि गई है। चूँकी हम सभी जानते है देशभर के किसानों कि सबसे बड़ी समस्या बिजली कि है, ज्यादातर किसान बिजली संकट से जूझ रहे हैं। बिजली संकट के कारण किसान अपने खेतों की सिंचाई सही तरीके से नहीं कर पाते हैं। ऐसे में इस योजना की मदद से सिंचाई के लिए इस्तेमाल होने वाले सभी डीजल/बिजली के पंप को सोलर ऊर्जा से आसानी से चलाया जा सकता है। पीएम कुसुम योजना (PM-Kusum Scheme) के तहत अब राज्य एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड (Agriculture Infrastructure Fund) द्वारा रियायती ब्याज दर पर लोन भी प्राप्त किया जा सकता है।

पीएम कुसुम योजना के तहत लगभग 20 लाख किसानों को सोलर पंप स्थापित कराने के लिए आर्थिक मदद दी जाने कि योजना है। इसके लिए केंद्र सरकार 30 प्रतिशत सीएफए भी प्रदान करेगी, जबकि राज्य सरकारें 30 प्रतिशत सब्सिडी देगी। बाकी 40 प्रतिशत किसान द्वारा दिया जाएगा। इस 1 लाख करोड़ रुपए के एग्री इंफ्रा फंड को गांवों में कृषि क्षेत्र से जुड़ा इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने में इस्तेमाल कर सकते है।इस योजना के तहत कोल्ड स्टोर, वेयरहाउस, साइलो, ग्रेडिंग और पैकेजिंग यूनिट्स लगाने के लिए भी लोन दिया जाएगा। सबसे खास बात तो यह है कि इस फंड के तहत 10 साल तक वित्तीय सुविधा मुहैया कराई जाएगी। इस योजना का मुख्य उद्देश्य यह है कि गांवों में निजी निवेश और नौकरियों को बढ़ावा मिल सके।

साथ ही, इस योजना के तहत 1 लाख करोड़ रुपए का फंड भी बनाया जाएगा। जिसका मुख्य उद्देश्य होगा कि सिंचाई में डीजल के उपयोग को कम किया जाए, साथ ही कृषि क्षेत्र में सौर प्रौद्योगिकी को बढ़ावा दिया जाए। इस फंड की मदद से कृषि क्षेत्र को आत्मनिर्भर बनाया जाएगा।इसके साथ ही बाकी राशि के लिए राज्य नाबार्ड से सस्ती ब्याज दर पर लोन ले सकते हैं। कुसुम योजना द्वारा किसान अपने खेत में सोलर पंप और पंप लगाकर सिंचाई कर सकते हैं। इस योजना का लक्ष्य यह है कि देशभर में सभी बिजली व डीजल से चलाए जाने वाले पंप को सोलर उर्जा से चलाया जाए।

मालूम हो कि, कृषि और सिंचाई के लिए लगभग 1.2 लाख करोड़ रुपए की राशि दी जाएगी। इसका उद्देश्य यह होगा कि किसानों की बंजर भूमि पर 10 गीगा-वाट (जीडब्ल्यू) के 17.5 लाख सौर संयंत्रों की स्थापना की जाए। इसके अलावा कृषि बिजली फीडरों को सौर ऊर्जा से जोड़ा जाए, ताकि सिंचाई के लिए सिर्फ स्वच्छ ऊर्जा का उपयोग हो। सरकार द्वारा एआईएफ के तहत केंद्र द्वारा 3 प्रतिशत ब्याज सब्सिडी और 2 करोड़ रुपए तक की क्रेडिट गारंटी देकर परियोजना को सफल बनाया जाएगा।