LJP पर कब्जे को लेकर चिराग लड़ेंगे आरपार की लड़ाई, चाचा पारस को पार्टी का नाम और चिह्न नहीं करने देंगे इस्तेमाल

न्यूज डेस्क : लोजपा में चाचा-भतीजे के बीच जारी लड़ाई अभी खत्म भी नहीं हुआ कि एक और नया मामला सुर्खियों में आ गया है। बता दे की चिराग गुट द्वारा पारस गुट को लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) के नाम और सिंबल (चुनाव-चिह्न) के इस्तेमाल करने से रोका गया। और अब जल्द ही इस विषय पर जमुई सांसद चिराग पासवान चुनाव आयोग को पत्र लिखकर इस विषय से अवगत कराएंगे। आपको बता दे की चिराग ने अपनी पार्टी के विधि प्रकोष्ठ की बैठक में यह स्पष्ट कर दिया है कि पार्टी से निष्कासित किए जा चुके पशुपति कुमार पारस और अन्य सांसदों एवं दूसरे नेता हमारी पार्टी के नाम, पहचान, चुनाव चिह्न और स्लोगन का इस्तेमाल नहीं करें। इसे हर हाल में ही रोकना है।

लोजपा के नाम का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है: बता दे की जानकारी देते हुए लोजपा के प्रदेश अध्यक्ष राजू तिवारी के बताया पारस समेत उनके गुट के सभी सांसद व नेता लोजपा के नाम और पहचान का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं। जो बिल्कुल भी सही नहीं है। हमारे मुखिया चिराग पासवान द्वारा जल्दी पार्टी के नाम और सिंबल का गलत इस्तेमाल रोकने के लिए ही चुनाव आयोग को पत्र लिखा जाएगा। क्योंकि अभी तक पारस की ओर से चुनाव आयोग के सामने किसी प्रकार का दावा पेश नहीं किया गया है। केवल पशुपति कुमार पारस को अध्यक्ष बनाए जाने की सूचना चुनाव आयोग में दी गई है।

लोजपा में यहां से शुरू हुई थी लड़ाई: बता दें कि लोजपा में शुरुआत में ही अध्यक्ष पद को लेकर हुए विवाद अभी तक तूल पकड़ता ही जा रहा है। गौरतलब, है कि लोजपा में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। हाल ही में पार्टी में बड़ी टूट हुई थी। पार्टी के छह में से पांच सांसदों ने पशुपति कुमार पारस को अपने नेता मान लिया। इसके साथ ही पारस को मोदी कैबिनेट में मंत्री पद की जगह दी मिली।

ये वहीं लोजपा के पांचों सांसद है जो चिराग छोड़ पशुपति पारस के साथ शामिल हुए थे। चौधरी महबूब अली कैसर, वीणा सिंह, चंदन सिंह और प्रिंसराज ने अलग रास्ता चुनते हुए पारस का साथ दे दिया। इसी बीच पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान व पार्टी के मुखिया के बेटे चिराग पासवान ने अपने चाचा पशुपति पारस पर पीठ में छूरा घोंपने का आरोप लगाया। साथ ही जमुई से सांसद चिराग ने कहा था कि यह सब बिहार के सीएम नीतीश कुमार के कहने पर हो रहा है।