डेढ़ घंटे इंतजार के बाद भी नहीं मिल सके चाचा पशुपति पारस से, चिराग को मजबूरन लौटना पड़ा

न्यूज डेस्क : पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी में तख्तापलट हो गया है। बता दें कि रामविलास पासवान के बेटे चिराग पासवान के खिलाफ लोजपा के 5 सांसदों ने बगावत कर दी है। यह सभी संसद उनकी जगह उनके चाचा पशुपति कुमार पारस को इस पद के लिए चुन लिया है। अब ऐसे में चिराग अलग थलग पड़ गए हैं। सांसदों की बगावत से बैकफुट पर आए चिराग पासवान विवाद के बीच अपने चाचा और बागी सांसदों के नेता पशुपति पारस से मिलने उनके घर पर पहुंचे। मगर, वहां वहां भी उनके हाथों कुछ नहीं लगा। वहां से मजबूरन खाली हाथ लौटना पड़ा।

25 मिनट तक गेट पर खड़े रहे, मगर कोई बुलाने नहीं आया: बता दें कि चिराग पासवान खुद गाड़ी चला कर अपने चाचा पशुपति पारस से मिलने उनके आवास पर पहुंचे थे। मगर घर में उन्हें आसानी से एंट्री नहीं मिल सकी। करीब 25 मिनट तक वह गेट पर गाड़ी लेकर खड़े रहे। लेकिन घर के किसी भी सदस्य ने गेट तक नहीं खोला। चिराग कैंपस में आने के बाद भी गाड़ी का हौरन बजाकर बुलाने की कोशिश करते रहे। जब बाद में वह किसी तरह घर के अंदर गए तो पता चला उनके चाचा पशुपति पारस घर पर मौजूद नहीं थे। करीब डेढ़ घंटे तक वह चाचा पशुपति पारस का इंतजार करते रहे, मगर उनकी मुलाकात नहीं हो सकी। हालांकि, इस दौरान वह अपनी चाची से बातें करते रहे थे। बाद में काफी इंतजार करने के बाद वह पशुपति पारस के घर से निकले। उन्‍हें खाली हाथ वापस लौटना पड़ा।

इन सांसदों ने छोड़ा साथ: बता दें कि लोजपा के 6 में से 5 सांसदों ने चिराग पासवान से बगावत कर दी है। चिराग को लोक जनशक्ति पार्टी के संसदीय दल के नेता की कुर्सी से भी हटा दिया गया है। बगावत करने वाले सांसदों में प्रिंस राज, चंदन सिंह, वीना देवी और महबूब अली कैसर शामिल हैं। जो चिराग के काम करने के तरीके से नाखुश हैं। लोजपा संसदीय दल की बैठक में पशुपति कुमार पारस को सर्वसम्मति से लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) संसदीय दल का नेता चुन लिया गया है।