ठगी का खेल: बिहार के दो युवकों ने 50 लाख की लॉटरी बताकर 37 लाख रुपए की ठगी, इनाम के लोभ में बेच दिया था घर-जमीन..

न्यूज डेस्क : देश में आए दिन चोरी और ठगी का मामला सोशल मीडिया पर सुर्खियों में बना रहता है। ठगी का सबसे चर्चित उदाहरण होता है, “स्कैम कॉल” जिसके तहत आसानी से लोग इस चक्कर में फंस जाते हैं, और चंद पैसों के चक्कर में अपना डाटा दूसरे व्यक्ति से शेयर कर देते हैं। लेकिन, इसी बीच आप लोगों को एक ऐसे लुटेरे के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे जाने के बाद आप भी अचंभे में पड़ जाएंगे। मामले का कनेक्शन बिहार के सुपौल जिले से जुड़ा हुआ है, जहां दो युवकों ने बंगाल के एक वृद्ध व्यक्ति को चंद रुपए का प्रलोभन देकर 37 लाख की ठगी कर ली।

तो चलिए आपको पूरा माजरा समझाते हैं, बिहार के सुपौल जिले के रहने वाले दो युवकों ने बंगाल में एक वृद्ध व्यक्ति को 50 लाख रुपया पुरस्कार का प्रलोभन देकर 37 लाख की ठगी कर ली। जानकारी के मुताबिक, पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के फरक्का थाना फरक्का बैरेज प्रोजेक्ट निवासी गोविंदा प्रमाणीक के बेटे का दोनों किडनी फेल हो गया है, जिसके बाद वो पैसे के अभाव में काफी चिंतित रहते थे, क्योंक डॉक्टरों ने उन्हें बच्चे की किडनी जल्द से जल्द ट्रांसप्लांट करने को कहा। लेकिन पैसे के अब हमें वह किडनी का ट्रांसप्लांट नहीं करवा पा रहा था। इसी बीच उस व्यक्ति को एक प्राइवेट कंपनी के नाम पर कॉल आता है। जिसमें उसे बताया जाता है कि आपको प्रथम प्राइज के रूप में 50 लाख 8 हजार रूपये का ऑफर दिया। बस होना क्या था उन्होंने हां भर दी। फिर ठगों ने उस बुजुर्ग व्यक्ति बीमार बेटे से संबंधित डाक्टर का पर्चा सहित अन्य कागजात और फोटो की भी मांग की गई।

लाचार पिता ने कंपनी के बताये व्हाट्सएप नंबर पर सारे कागजात भेज दिये। फिर उस फ्रॉड कंपनी के द्वारा प्रथम प्राइस के नाम पर कुछ रजिस्ट्रेशन चार्ज की मांग की गई। और रजिस्ट्रेशन चार्ज के नाम पर 9 हजार 200 ले लिए। इसके बाद कंपनी द्वारा अलग-अलग व्यक्ति के नाम के अकाउंट के माध्यम से और पैसे की मांग की जाती रही। लगभग 55 खातों में कुल 37 लाख रुपये मंगवा लिये गए। पीड़ित ने पुलिस को बताया कि कंपनी को अब तक कुल 37 लाख 33 हजार 911 रूपये जमा कर चुका हूं।

पैसे के चक्कर में घर, जमीन, गाड़ी सबकुछ भेज दिया: बता दें कि उस बुजुर्ग व्यक्ति ने चंद रुपया के चक्कर में जमीन जेवरात गाड़ी सब कुछ बेच दिया। जब सब कुछ नहीं बचा, तो बेटे का इलाज होना भी बंद हो गया। तब अंत में जाकर पीड़िता ने पुलिस से जाकर इस मामले की शिकायत की। फरक्का पुलिस ने इस मामले में केस दर्ज कर जांच शुरू कर दिया। जांच के उपरांत पुलिस ने बताया ” 55 खातों में से दो खाते सुपौल के वार्ड नंबर 4 के रहने वाले सुभाष कुमार और सूरज कुमार के मिले। इसके बाद सुपौल सदर पुलिस की मदद से उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है ओर बंगाल पुलिस उन्हें अपने साथ ले गयी है। इस गिरोह के तार सुपौल से जुङने पर पुलिस भी आश्चर्य में है।