डेस्क : आज राजद पार्टी का नेतृत्व करने वाले राजद सुप्रीमो लालू यादव जेल में है। जब से वह जेल गए हैं तब से उनके घर पर होने वाले हर जश्न में फीकापन आ गया है। ऐसे में एक दौर था जब होली के समय पर बड़ा आयोजन होता था और उनके घर के द्वार पर राजनेताओं का तांता लग जाता था। होली में हर प्रकार के गाने उनके घर पर चलते थे। साथ में लोग फगुआ गीत भी गाते थे और होली की खुशियां मनाते थे बड़े-बड़े राजनेता प्यार से उनका कुर्ता फाड़ने आते थे।
लेकिन अब वह समय नहीं रह गया है। इस वक्त लालू यादव जेल की सजा काट रहे हैं उनको चारा घोटाले के चलते जेलयुक्त किया गया है। होली के वक्त जब शाम हो जाती थी तो उनके घर पर लोग लोक गीत गाया करते थे। लेकिन, अब होली का वह चरम सुख और दीवानापन खत्म हो गया है। जब भी लालू की होली की बात होती है तो आज भी नेता रोमांचित हो उठते हैं। राजद पार्टी के नेताओं ने साफ कहा है कि जब तक लालू यादव जेल से बाहर नहीं आ जाएंगे तब तक वह होली नहीं खेलेंगे।
होली का दिन बिहार के लिए खास होता है क्योंकि यहां पर छोटे बच्चे से लेकर बड़ा आदमी रंगों के रंग में डूबा होता है। उस वक्त आम जनता और खास आदमी सब के कुर्ते फाड़े जाते थे। लालू यादव अपनी होली को जरूर याद करते होंगे क्योंकि अगर याद नहीं करते तो जेल की सुनवाई में जज के आगे यह नहीं कहते कि होली करीब है जल्दी फैसला सुनाइए। वह खुद ही ढोल मंजीरा लेकर बैठ जाया करते थे और खूब गाना गाया करते थे। इसमें उनका साथ निभाने राबड़ी देवी भी मैदान में उतर जाती थी और राजद पार्टी के सभी कार्यकर्ता हंसी ठहाका करते थे। कुर्ता-फार होली 1:00 बजे के बाद शुरू हो जाती थी।