Bihar Flood : उत्तरी बिहार व सीमांचल क्षेत्रों में बाढ़ का विकराल रूप, कई नदियां खतरे के निशान के ऊपर…

न्यूज डेस्क : हर साल की तरह इस साल समय से पहले ही बाढ़ बिहार में अपना प्रलयकारी रूप दिख रहा है। बता दें कि “यास” तूफान में हुए भीषण बारिश के बाद विगत कुछ ही दिनों में मानसून का आगमन हो गया। मानसून में लगातार हो रही बारिश के बीच कई नदियों के जलस्तर विभिन्न जिलों के खतरे के निशान से ऊपर वह रहा है। खासकर, उत्तरी बिहार और सीमांचल क्षेत्रों में विभिन्न नदियां आतंक मचा चुका है। बता दें कि गंगा, कोसी, महानंदा, बूढ़ी गंडक, कमला बालन, गंडक आदि नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। इसका मुख्य कारण है कि बिहार के 11 जिलों में औसतन 25 मिमी बारिश दर्ज की गई है।

गंडक खतरे के निशान से ऊपर : बता दें की दूसरी तरफ गंडक ने भी लोगों को चिंता में डाल रखा है। गोपालगंज, मुजफ्फरपुर, वैशाली में गंडक नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही‌ है। नदी का जलस्तर पहले की अपेक्षा काफी घटा। लेकिन, यह अभी भी खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है। रेवाघाट में गंडक इस समय 40 सेमी और डुमरियाघाट में 129 सेंमी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। राहत की बात यह की अब गंडक में बाल्मीकिनगर बैराज से कम पानी छोड़ा जा रहा है इससे नए इलाकों में बाढ़ के पाने के फैलाव का खतरा टल गया है। रविवार को वाल्ममीकिनगर बराज से गंडक में मात्र 1.19 लाख क्यूसेक पानी ही छोड़ा गया।

इन जिलों के नदियो में जलस्तर मे बढ़ोतरी : राजधानी पटना में भी जल स्तर में काफी बढ़ोतरी हो रही‌ है। पिछले 24 घंटे में 2.67 मीटर ऊपर पानी पहुंच गया है।‌ मुंगेर में भी जलस्तर खतरे के निशान से 1.16 मीटर बढ़ गया है। इसके साथ ही भागलपुर जिले में भी 1.10 मीटर बढ़कर कहलगांव तक गंगा नदी का जलस्तर पहुंच गया।‌ वहीं बेगूसराय से गुजरने वाली बूढ़ी गण्डक नदी में भी उफान मची हुई है। रोसड़ा बाढ़ डिवीजन और बेगूसराय बाढ़ डिवीजन दोनों क्षेत्र में नदी की जलस्तर में लगातार वृद्धि दर्ज हुई है। खतरे के निशान से लगभग तीन मीटर ही नीचे बह रही है।

उत्तरी बिहार व सीमांचल क्षेत्र की बड़ी मुश्किले : बता दें कि उत्तरी बिहार और सीमांचल क्षेत्र के अधिकांश जिलों में बाढ़ जैसे हालात के कारण ग्रामीण सड़कों पर रहने को मजबूर हैं। एसडीआरएफ के एक अधिकारी के अनुसार निचले इलाकों में रहने वाले कई ग्रामीणों ने अपना घर छोड़ दिया है और सड़क पर विभिन्न स्थानों पर शरण ली है। पश्चिम चंपारण जिले के 13 प्रखंडों की करीब 1.5 लाख मानव आबादी इससे प्रभावित है। सारण जिले के गोपालगंज के छह और तीन प्रखंडों के रिहायशी इलाकों में पानी घुस गया।