बूढ़ी गंडक की जलस्तर में तूफानी वृद्धि , जून माह में ही नदी उफनाई बजी खतरे की घंटी

न्यूज डेस्क : विगत एक दशक में अमूनन जुलाई और अगस्त माह में उफनाने वाली बूढ़ी गंडक नदी साल 2021 के जून माह में आंख दिखा रही है। मानसून के ससमय आने से हो रही बारिश से विगत एक सप्ताह से नदी की जलस्तर में नियमित वृद्धि जारी है। 10 जून से जलस्तर में हो वृद्धि 15 जून तक सामान्य रही ।

15 जून से 21 जून तक जलस्तर की बढोत्तरी की रिपोर्ट खतरे की परिचायक है। हर दिन जलस्तर की वृद्धि की रफ्तार तेज होती दिख रही है। सोमवार को नदी की जलस्तर रोसड़ा बाढ़ डिवीजन के मीटर गेज और बेगूसराय डिवीजन के सिवरी मीटर गेज में खतरे की निशान से औसतन मात्र 3 मीटर नीचे है। नदी अब अपने पेटी से उफनकर दियारा क्षेत्र को अपने आगोश में लेने को आतुर दिख रही है। दूसरी तरफ आसमान से हो रही बारिश ने बाढ़ नियंत्रण विभाग के तटबन्ध की मजबूती के कार्यों में तेजी बरतने वाली धार को कुंद किया हुआ है। जो चिंतनीय प्रतीत हो रहा है।

जून माह में ही बज गयी खतरे की घण्टी : पिछले साल 2020 में बूढ़ी गंडक नदी के जलस्तर में वृद्धि से सालों पुराना 1987 का रिकॉर्ड टूट गया था । सात जुलाई से लेकर आधी अगस्त तक बेगूसराय जिले में बाएं और दाएं दोनों तटबंधों पर भारी दबाब बना हुआ था । दर्जनों जगह पर फ्लड फाइटिंग किया गया था । बावजूद इसके पिछले साल 2020 में नदी में जून माह में वर्तमान जलस्तर से काफी कम था । जो 7 जुलाई तक खतरे की निशान से 40 सेमी नीचे तक रहा था । इस साल नदी की जलस्तर जून माह में ही तूफानी गति से बढ़ रही है । इस लिहाज से सरकार और विभागीय लोगों के लिए एक प्रकार से खतरे की घन्टी बज गयी है।

कहतें हैं अधिकारी अभी जलस्तर राइजिंग ट्रेंड में तो है। लेकिन यह ज्यादा चिंता का विषय नहीं है। विगत 24 घण्टे में जलस्तर की वृद्धि में रफ्तार की कमी हुई है। उम्मीदतः एक से दो दिन में जलस्तर में कमी आएगी । सभी सुरक्षात्मक उपाय किये जा रहे हैं।

संतोष कुमार, बाढ़ विभाग रोसड़ा डिवीजन के जेई