Bank Privatization : सरकारी बैंक को बेच रही है सरकार, कही आपका Account तो नहीं?

न्यूज डेस्क : सरकार अपनी स्वामित्व वाली कई कंपनियां बेचने के बाद अब बैंकों में हाथ लगाने जा रही है। जिसको लेकर चर्चा जोरों पर है। इसकी प्रक्रिया तकरीबन शुरू हो गई है। बैंकिंग विनियमन अधिनियम में संशोधन करने की सरकार तैयारी में है। इससे पीएसयू बैंकों में विदेशी स्वामित्व पर 20 फीसदी की सीमा को हटाया जाएगा। इस कड़ी में सरकार की ओर से सबसे पहले आईडीबीआई बैंक की हिस्सेदारी बेची जा रही है।

सरकार की ये है योजना

केंद्र सरकार IDBI बैंक को महंगे दाम पर बेचने की तैयारी में है। ब्लूमबर्ग ने सूत्रों के हवाले से बताया कि सरकार सरकारी आईडीबीआई बैंक लिमिटेड के लिए करीब 640 अरब रुपये यानी 7.7 अरब डॉलर के मूल्यांकन पर विचार कर रही है। अगर ऐसा होता है तो हम आपको बता दें कि यह सरकार की सबसे बड़ी बिक्री होगी।

निजीकरण (Privatization) में तेजी

बता दें कि चालू वित्त वर्ष का बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 22 में आईडीबीआई बैंक के साथ दो सरकारी बैंकों के निजीकरण की घोषणा की थी। इसके अलावा नीति आयोग ने निजीकरण के लिए दो पीएसयू बैंकों को शॉर्टलिस्ट किया है। इसके साथ ही वित्त मंत्री ने यह भी कहा था कि चालू वित्त वर्ष में एक बीमा कंपनी को बेच दिया जाएगा।

इन बैंकों का नंबर भी नजदीक

मामले की जानकारी रखने वाले अधिकारियों का कहना है कि सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और इंडियन ओवरसीज बैंक को निजीकरण के लिए संभावित उम्मीदवारों के रूप में चुना गया था। यानी इंडियन ओवरसीज बैंक और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया दो उम्मीदवार हैं जिनका निजीकरण किया जा सकता है, हालांकि बैंक ऑफ महाराष्ट्र इस सूची में है।