Munger Bridge : पहली बारिश में श्री कृष्ण सेतु के एप्रोच पथ की दरक गई फ्लैंक, बाल बाल बचे लोग..

डेस्क : बिहार में आए दिन पुल के गिरने या फिर धंसने के नए-नए मामले सोशल मीडिया की सुर्खियों में रहते हैं। यही नहीं.. पुल चोरी होने के भी मामले इन दिनों सुर्खियों में है। इसी बीच बिहार की बदहाली का एक और ताजा उदाहरण गंगा नदी पर बने पुल को मुंगेर से खगड़िया व बेगूसराय को जोड़ने के खातिर 696 करोड़ की लागत से बने एप्रोच पथ पर दिखा।

जहां, एप्रोच पथ बनने के महज पहले ही बारिश में सड़क बारिश का दबाव भी नहीं झेल पाया। नतीजा यह निकला कि सड़क दरकने करने लगा। आपको मालूम होना चाहिए कि बिहार के सीएम नीतीश कुमार और केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने 11 फरवरी को श्रीकृष्ण सेतु के एप्रोच पथ का उद्घाटन किया था। परंतु, हल्की हुई बारिश के बाद एप्रोच पथ के किनारे जगह जगह रेनकट के कारण फ्लैंक में डाली गई मिट्टी, बालू व गिट्टी कई जगहों पर बह गई।

जो कि अपने आप में ही एक बड़ा सवाल उठता है? आपको यह बात जानकर हैरानी होगी कि अगर अभी भी समय रहते फ्लैंक भरने का इंतजाम नहीं किया गया तो बरसात के मौसम में होने वाली मूसलाधार बारिश से सड़क के पूरी तरह ध्वस्त हो सकता है। जगह-जगह रेन कट के कारण ध्वस्त हो चुके फ्लैंक के कारण दुर्घटना की संभावना भी बढ़ गई है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक, नंदलालपुर से चंडीस्थान तक एप्रोच पथ के किनारे मिट्‌टी भराई करा कर सिंगल रोड को ही डबल रोड बनाया जा रहा है।

जिस पर भारी वाहनों सहित अन्य छोटे वाहन सरपट दौड़ते हैं। कभी कभी ओवरटेक के क्रम में डबल रोड के लिए भरे जा रहे मिट्‌टी वर्क पर भी तेज रफ्तार वाहन चले जाते हैं। ऐसे में रेनकट के कारण क्षतिग्रस्त हाे चुके एप्रोच पथ पर दुर्घटना की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। आपको याद दिला दूं की एक अभी से माह पूर्व रोड निर्माण के लिए जा रहा बालू लदा डंफर फ्लैंक किनारे धंस कर दुर्घटनाग्रस्त होकर 20 फीट नीचे गड्‌ढे में चला गया था। उस समय निर्माण कंपनी द्वारा 15 अप्रैल तक ए्प्रोच पथ का निर्माण पूरा कर लेने की बात कही गई थी।