न्यूज डेस्क : बिहार में फिलहाल शराबबंदी के अंतर्गत शराब माफियाओं की शामत आई हुई है।लेकिन इसके साथ ही अब बिहार सरकार की नज़र निजी मंदिरों पर है। सरकार अब निजी मंदिरों से टैक्स वसूलने की तैयारी में है।
बिहार के सभी मंदिरों का रेजिस्ट्रेशन होना ज़रूरी निजी मंदिर के तहत वैसे पूजा स्थल आते हैं जो किसी की निजी जगह पर बनाए गए हैं। पर अब उसमें पूजा सार्वजनिक तौर पर की जा रही है। अब बिहार में बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड के अनुसार राज्य के सभी सार्वजनिक मंदिरों से 4% टैक्स वसूलने की शुरुआत की जा सकती है। इसके लिए सभी सार्वजनिक मंदिर के देख रेख करने वालों से मंदिर का राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड के अंतर्गत रेजिस्ट्रेशन करवाने की अपील की है। ताकि नियमानुसार सभी मंदिर से 4% टैक्स लिया जा सके। वर्तमान में बिहार में सिर्फ 4500 मंदिर नही धार्मिक न्यास बोर्ड के अंतर्गत अपना रेजिस्ट्रेशन करवा रखा है।हज़ारो मंदिर ऐसे हैं जिनका रेजिस्ट्रेशन नही हुआ। इसमें कई सारे बड़े व नामी मंदिर भी है।धार्मिक न्यास बोर्ड अब सबको अपनी नियमावली के दायरे में लाना चाहती है।
आर्थिक स्थिति के मद्देनजर लिया गया है फैसला वर्तमान में बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड की आर्थिक स्थिति सही नही है। इसीलिए बोर्ड ने अब ज्यादा से ज्यादा मंदिरों को अपने अंदर लेकर उंसके टैक्स लेकर अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत करना चाहती है।बिहार में कई सारे ऐसे मंदिर हैं जिनकी कमाई लाखो में है अगर ये सारे सही से निबंधन करवा कर टैक्स देने लगे तो बोर्ड की आर्थिक समस्याओं का निवारण जल्द हो सकेगा।रेजिस्ट्रेशन होने के बाद बोर्ड सभी मंदिरों को अपनी नियमावली के अनुसार संचालित करेगा। किसी तरह का अगर कोई मामला भी आएगा तो वो सिर्फ न मंदिर की साथ ही बिहार धार्मिक न्यास बोर्ड की भी जिम्मेदारी में रहेगा।