बिहार में बढ़ती जा रही है दास्तानें जुर्म – सच्चाई बयान करते कुछ आंकड़ें

बिहार के मुख्यमंत्री दावा करते है की उनके राज में सब अच्छा और बढ़िया चल रहा है पर आगे आने वाले आंकड़ों से यह बात साफ़ हो जाएगी की यह बातें सच है या सिर्फ फिजूल की गुफ्तगू , हम बात करने जा रहे है बीते कुछ आपराधिक घटनाओं की जो बिहार में हुयी। नेशनल क्राईम रिकॉर्ड्स ब्यूरो यानी (NCRB) की रिपोर्ट ने ऐसी सच्चाई सबके आगे परोसी है जिससे यह साफ़ हो जायेगा की बिहार की कैपिटल पटना की स्थिति क्या है। 2018 के चोरी के मामलो के आंकड़े देखें तो नेशनल क्राईम रिकॉर्ड्स ब्यूरो यानी (NCRB) की रिपोर्ट के मुताबिक़ 12,209 सामान्य चोरियां हुई और वाहनों की चोरी के 18,665 केस आये। संपत्ति विवाद की बात करें तो उसमें 6608 केस पाए गए है वहीँ 2019 में 5228 घटनाओं पुष्टि हुई जिसमें से हत्या के 1460, बलात्कार के 184, डकैती के 46, दहेज अधिनियम के 332, फिरौती हेतु अपहरण के 18 अपराधकर्मी शामिल हैं। इनमें से 08 को फांसी, 1437 को आजीवन कारावास, 592 को दस वर्ष से अधिक की सजा दी गई है। 28 लाख 85492 लीटर शराब की बरामदगी और 8377 लोग गिरफ्तार किया गया है। जिसमें 232 अभियुक्तों को न्यायालय द्वारा दी गई है।

दहेज़ और महिलाओं के प्रति स्थिति

दहेज़ के कारण आये दिन हो रही घटनाओं में मरने वाली महिलाओं की मौत में इजाफा है , साल 2018 प्रति लाख पर 3 लोगो की मौत का आंकड़ा निर्धारित है , यहां पर ह्यूमन ट्रैफिकिंग यानी लोगो को बेच देना खासकर छोटी उम्र की महिलाओं को उसका आंकड़ा 180 का है , कई ऐसी महिलाओ की आपबीती सुनने के बाद दिल पसीज उठता है। होने वाले महिलाओं के खिलाफ अपराध में नंबर वन जगह बनायीं है पटना ने। महिलओं के खिलाफ अपराध 17000 तक पहुँच गए है। जबकि 2017 में यह आंकड़े 14000 थे और 2016 में 13500, यह सुनकर आश्चर्य होगा की 97 % से ज्यादा बलात्कार परिजनों के जान्ने वालो के द्वारा होते है। बिहार में होने वाली मृत्यु का आंकड़ा 4.5 लोग प्रति लाख वयक्ति का है।