न्यूज डेस्क : बिहार में कोरोना का कहर लगातार जारी है। हर अगले दिन पिछले दिन की तुलना में पोजिटिवों की संख्या और मरने बालों की संख्या तेज रफ्तार से बढ़ रही है। इसी बीच पटना के NMCH के प्रभारी अधीक्षक ने अपने कार्यभार से मुक्ति के लिए स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव को पत्र लिखा है। जिसके बाद से लगातार सियासी हलचल तेज हो गयी है। कि आखिर किन वजहों से NMCH के प्रभारी अधीक्षक प्रभार से मुक्ति की बात कर रहे हैं। दरअसल ऑक्सीजन सिलेंडर की सप्लाई NMCH में नियमित न होने के कारण उन्होंने अपने प्रभार से मुक्ति की बात कही।
ऑक्सीजन सिलेंडर दे नहीं पा रहे चले थे विश्वस्तरीय 6000 बेड का अस्पताल बनाने इस पत्र पर कड़ी टिप्पणी देते हुए बिहार प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ललन कुमार ने बिहार सरकार पर जबरदस्त हमला बोला है। उन्होंने कहा कि अब तो मैं एनएमसीएच के अधीक्षक के निर्गत मार्मिक पत्र के उपरांत नीतीश सरकार को चुल्लू भर पानी में भी डूब कर मरने के लिए नहीं कह सकता,अगर तनिक भी ग़ैरत और हया बची है तो सरकार को इस देश के किसी भी राज्य से अपने अस्पतालों के लिए ऑक्सीजन का इंतजाम कर देना चाहिए।
मान्यवर नीतीश बाबू आपके आंखों का पानी और ज़मीर तो कब का समाप्त हो चुका था,लेकिन कृपया समझिये तो इंसान और इंसानियत ही नहीं बचेगा तो आपके भ्रष्टाचार की प्रकाष्ठा से बनाए गए बिहार म्यूजियम, बुद्ध स्मृति और घोड़ा कटोरा को क्या आप अकेला देखेंगे ? लानत है ऐसे मुख्यमंत्री पर कि जो 14 महीने में अस्पतालों के लिए ऑक्सीजन का सिलेंडर तक व्यवस्था नहीं कर सका और चले थे विश्वस्तरीय 6000 बेड का अस्पताल बनाने ।