खेलोगे कूदोगे बनोगे नबाब : बिहार में स्थापित होगा खेल विश्वविद्यालय, एक तिहाई सीट राज्य की बेटियों के लिए रहेंगी आरक्षित

न्यूज डेस्क : पढ़ोगे लिखोगे बनोगे नवाब , खेलोगे कूदोगे होगे खराब। पुराने जमाने की यह कहावत अब हल्का परिवर्तित हो गई है । आज के जमाने में यह कहावत बन गई है पढ़ोगे लिखोगे बनोगे नवाब और खेलोगे कूदोगे तो भी बनोगे नवाब। इसी पंक्ति को चरितार्थ करने के लिए बिहार सरकार ने राज्य में खेल विश्वविद्यालय स्थापित करने का निर्णय लिया है।

बिहार में अब खेल विश्वविद्यालय खुलने का रास्ता साफ हो गया है इसे खेल प्रेमियों के लिए एक अच्छी खबर कही जा सकती है। इसमें खास बात यह है कि खेलों में दिलचस्पी रखने वाली राज्य की बेटियों के लिए भी यह महत्वपूर्ण खबर है। क्योंकि, सुबे के सीएम नीतीश कुमार ने प्रदेश में स्थापित होने वाले खेल विश्वविद्यालय में नामांकन में राज्य की बेटियों के लिए एक तिहाई सीटें आरक्षित करने की घोषणा की।

बता दें कि बुधवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक अन्य मार्ग स्थित संकल्प में वीसी के माध्यम से स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी के संबंधित प्रस्तावित विधेयक के प्रस्तुतीकरण को देखा उन्होंने अफसरों को आदेश दिया। कि खेल विश्वविद्यालय में नामांकन में न्यूनतम एक तिहाई सीटें छात्राओं के लिए आरक्षित की जाए इसे खेल की तरफ छात्राएं और अधिक प्रेरित होगी । और उनकी संख्या भी बढ़ेगी कला संस्कृति एवं युवा विभाग की अपर मुख्य सचिव ने प्रेजेंटेशन के माध्यम से बिहार खेल विश्वविद्यालय अधिनियम 2021 के बारे में जानकारी दी मुख्यमंत्री ने स्पोर्टस यूनिवर्सिटी के संबंध में प्रस्तावित विधेयक को देखा समझा और अधिकारियों को कई प्रकार का निर्देश दिया।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि जब से हम लोगों को प्रदेश में काम करने का मौका मिला है । विकास के कई सारे कार्य तो किए ही गए हैं साथ ही साथ खेलों को प्रोत्साहित करने के लिए भी कई कदम उठाए गए हैं। राजगीर में अंतरराष्ट्रीय स्तर का क्रिकेट स्टेडियम इसका उदाहरण है। जो बन रहा है । राजगीर में खेल अकादमी का निर्माण कराया जा रहा है। जहां खेलों में भी रुचि रखने वाले विद्यार्थियों को प्रशिक्षित किया जाएगा और खेल के विभिन्न आयामों की जानकारी दी जाएगी। उन्होंने बताया कि खेल विश्वविद्यालय की स्थापना से राज्य में खेलों को लेकर काफी जागरुकता आएगी। खेलों को बढ़ावा भी मिलेगा । छात्र-छात्राओं को बेहतर प्रशिक्षण मिलेगा । उन्होंने कहा कि प्रस्तावित विधेयक पर इसके कुछ और बिंदुओं पर विमर्श करने की जरूरत है। इसके बाद स्थल भ्रमण कर पुनः इस को प्रस्तुत किया जाएगा।