बिहार में मिला दक्षिणी अफ्रीकी वैरीएंट ओमिक्रोन Ba-2, पहले के मुकाबले अधिक संक्रामक

न्यूज़ डेस्क: देशभर में कोरोना वायरस का संक्रमण फिर से काफी तेजी से फैलने लगा है, बिहार में भी प्रतिदिन हजारों की तादाद में COVID-19 संक्रमण के नए मामले सामने आ रहे हैं, वही दूसरी तरफ, कोरोना टेस्टिंग की रफ्तार भी बढ़ा दी गई है, इसी बीच अमीक्रोन का तहलका कम भी नहीं हुआ की फिर से राजधानी पटना मे एक और वेरिएंट ने दस्तक दे दी है। यह नया वेरिएंट का नाम “जेनेटिक पैटर्न ba 2” बताया जा रहा है, जो को दक्षिण अफ्रीकी ओमिक्रॉन वेरिएंट का एक नया रूप है, मालूम, हो की महाराष्ट्र में अभी Ba 1 पैटर्न है। वही संबंध में WHO के वैज्ञानिकों ने इसे डेल्टा वैरीएंट से 7 गुना अधिक संक्रामक होने की बात बताई है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा है कि डेल्टा के मुकाबले यह कम घातक है जो कि राहत भरी बात है।

आईजीआईएमएस माइक्रोबायोलॉजी डिपार्टमेंट की अध्यक्ष एवं राज्य जिनोम सीक्वेंसिंग जांच टीम का नेतृत्व करने वाली डॉ नम्रता के मुताबिक, डेल्टा के मुकाबले ओमीक्रोन कम घातक है। ओमीक्रोन से अभी तक वैसी मौत का आंकड़ा नहीं देखने को मिला नहीं है, जिस तरह डेल्टा से हो रही थी। लेकिन यदि बात की इसके संक्रमण की क्षमता की तो यह 7 से 10 गुना तक अधिक है। बिहार के साथ भारत में अत्यधिक आबादी के कारण संक्रमण काफी तेजी से फैल रहा है। इसकी रफ्तार इतनी तेज़ है कि एक दिन में यह पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ सकता है। इसलिए सुरक्षा के लिहाज से कोरोना मानकों को अपने दैनिक दिनचर्या में शामिल करना सबसे सटीक उपाय है।

PMCH के वरीय स्वसन रोग विशेषज्ञ डॉक्टर बीके चौधरी के अनुसार, दूसरी लहर के दौरान जितने भी डेल्टा संक्रमित होकर अस्पताल पहुंच रहे थे, उनमें मृत्यु दर लगभग आठ से 10 प्रतिशत तक पहुंच गई थी। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस लहर के आकलन किए जाने के बाद अस्पताल पहुंचने वालों में मृत्यु दर अभी तक 1 प्रतिशत के आसपास हैं। बता दें, की देश में हाल ही में इसके प्रसार के बाद अभी तक इसका विकराल स्वरूप सामने नहीं आया है। जो भी संक्रमित अब तक सामने आए हैं उनमें हल्का लक्षण ही देखने को मिल रहा है। फेफड़े के बजाय सांस नली से सीधे पेट में यह संक्रमण जाते दिख रहा है। जिसके चलते अबकी बार सांस से सबंधित समस्याएं कम पैदा हो रही है।