बिहार में लघु और कुटीर उद्योग का बिछाना होगा जाल, नहीं तो भुखमरी की उतपन्न हो सकती है स्थिति- VSP

पटना : वंचित समाज पार्टी के चुनाव अभियान समिति के चेयरमैन ललित सिंह ने कहा कि बिहार में प्रवासी मजदूरों के लगातार घर आने से जहां एक तरफ कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ रही है । वहीं बिहार में मजदूरों की कठिनाइ दूर करने को अभी तक कोई भी ठोस योजना नहीं बनी है, वही इन मजदूरों के भविष्य के लिए अभी तक कोई ठोस योजना की घोषणा नहीं की गई । यदि इन प्रवासी मजदूरों को सही ढंग से काम नहीं दिया गया तो स्थिति बद से बदतर हो जाएगी। श्री सिंह ने कहा कि हाल ही में जो प्रधानमंत्री जी के द्वारा 20 लाख करोड़ का पैकेज का घोषणा किया गया है उसमें भी सिर्फ पूंजीपतियों के विकास के लिए बात की गई है। मजदूरों के लिए बड़े पैमाने पर काम और रोजगार की व्यवस्था करनी चाहिए थी,परंतु ऐसा कुछ नहीं किया गया है।

बिहार में कुटीर उद्योग एवं लघु उद्योग का जाल बिछाना होगा । बिहार में आलू, गेहूं, धान, केला, सब्जी इत्यादि की खेती बहुत ही बड़े पैमाने पर की जाती है। मक्का का खेती भी बहुत पैमाने पर होता है । बड़े-बड़े मंडियों से जिसमें गुलाब बाग के मंडी है । जहां से लाखों टन मक्का बिहार से बाहर भेज दिया जाता है । बिहार में पैदा होने वाले अनाज से फैक्ट्री के द्वारा बहुत ही सामानों का निर्माण किया जा सकता है। जैसे मक्का से बहुत सी चीजें बनाई जा सकती जो बाहर से आयात किया जा रहा है। जिसमें मुख्य रूप से कॉर्न फ्लेक्स बच्चों का खाने का अन्य समान इसके साथ ही आलू से विभिन्न तरह का चिप्स बनाया जा सकता है जिसका आयात बाहर से किया जाता है।

उसी प्रकार बांसों से भी बहुत से चीजों का निर्माण किया जा सकता है इस उद्योग है की स्थापना बिहार में की जा सकती है और यहां से बाहर जाने वाले कच्चा माल से वस्तु तैयार किया जा सकता है जिसकी खपत बिहार के साथ साथ बाहर भी भेज कर कराया जा सकता है इससे मजदूरों के रोजगार के लिए एक ठोस कार्रवाई हो सकती है परंतु ऐसा लगता है कि मजदूर को अपने हाल पर मजबूरी में रहने के लिए छोड़ दिया गया है सरकार से मेरा अनुरोध होगा की बिहार में उपज होने वाले कच्चे माल से जो जो सामान बनाया जा सकता है उसके लिए कारखाना लगा कर मजदूरों को काम दे और वह बिहार में ही रह कर अपने जीवन आपन कर सके यदि ऐसा नहीं होता है तो कोरोना से कम भूख से ज्यादा गरीब मर जाएंगे।