डेस्क : बिहार में का बा की सफलता से एक के बाद एक नए सरकार विरोधी लोकगीत गाकर सोशल मीडिया में फेमस हुई भोजपुरी लोकगायिका नेहा सिंह राठौर अब सवालों के घेरे में आ गयी है। बताते चलें कि सोशल मीडिया के इस जमाने में जहाँ हर लोगों की तमन्ना होती है कि वो अपना हर वाकया लोगों से साझा करते रहे। इस मामले में अधिकांश फेमस कलाकार अपनी निजी जिंदगी से जुड़े हुए हर घटना क्रम सोशल मीडिया पर साझा करने में आगे रहते है।
हालांकि ऐसा करने में कई कालाकारों की भद्द भी पिटती रहती है। कुछ ऐसा ही घटना नेहा सिंह राठौर के साथ भी हो गया। जब वो बिहार के कैमूर जिले के रामगढ़ प्रखंड अंतर्गत महुअर पंचायत के जंदाहा गांव में कोरोनावायरस संक्रमण की पुष्टि अपने ट्विटर अकाउंट पर की। जिसमें नेहा ने बताया की गाँव में कोरोना से 7 लोगों की मौत हो चुकी है और 50 लोग कोरोना बिमारी से ग्रसित हैं।
मेडिकल टीम पहुंची खुल गयी नेहा के ट्वीट की कलई जैसी ही यह खबर प्रशासन तक पहुंची तो प्रशासन में हड़कंप मच गया और प्रशासन की ओर से अधिकारियों की टीम गाँव में आ पहुंची। मामले की छान बीन करने पर मालूम चला की गाँव में ऐसा कोई भी मामला नहीं है। इसके बाद अधिकारीयों ने नेहा सिंह राठौड़ की बात को पूरी तरह से खारिज कर दिया। नेहा ने इतना ही नहीं बल्कि यह तक कह दिया की गाँव में किसी भी प्रकार की चिकित्सक सुविधा जैसे ऑक्सीमीटर और बुखार-खांसी के लिए प्राथमिक उपचार की दवाएं नहीं है।
नेहा का कहना है की गाँव के स्थानीय विधायक सुधाकर सिंह ने आश्वासन दिया था की वह जल्द से जल्द गाँव में डॉक्टरों की टीम भेजेंगे। डॉक्टरों की टीम गाँव में पहुँची भी पर टीम ने पाया की गांव में किसी को कोरोना नहीं है और उन्होंने नेहा की बातों को खारिज कर दिया। जंदाहा गाँव में जिस टीम ने टेस्ट किया उसने एंटीजन जांच की है। हालाँकि यह टेस्ट उतना कारगर नहीं है जितना RTPCR होता है। लेकिन फिर भी शुरूआती समय में इससे काम चलाया जा सकता है। गाँव के बीडीओ का कहना है की यहाँ जरूरत के हिसाब से कैंप लगवा कर लोगों को वैक्सीन लगवा दी गई है। कुछ हफ्ते पहले गांव के सोनम सिंह, माधुरी सिंह व राजेश्वर तिवारी को कोरोना हुआ था लेकिन अब वह इस बिमारी से मुक्ति पा चुके हैं। ऐसे में अब बड़ा सवाल यह उठता है कि क्या नेहा का ट्वीट अफवाह था या मेडिकल टीम धरातल की वास्तविक स्थिति पर पर्दा डाल रही है।