न्यूज डेस्क: देश में लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे सामने आ चुके हैं। चुनावी नतीजों के बाद अब भारतीय जनता पार्टी सरकार बनाने जा रही है। इस बार अगर भाजपा को बहुमत नहीं मिला है तो एनडीए के समर्थन से सरकार बनेगी। बिहार में एनडीए के सहयोगी दल जेडीयू और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास पासवान) ने काफी अच्छा प्रदर्शन किया है। चिराग पासवान के नेतृत्व में पांच लोकसभा सीटों पर जीत मिली है। इसमें सबसे चर्चित सीट समस्तीपुर लोकसभा सीट मानी जा रही है। इस सीट से महज 25 साल की उम्मीदवार शांभवी चौधरी (Shambhavi Chaudhary) ने रिकॉर्ड मतों से जीत हासिल की है। ऐसे में लोग उनके बारे में जानना चाहते हैं। युवा उनसे प्रेरणा ले रहे हैं। तो चलिए आज बात करते हैं उनके राजनीति में आने, शिक्षा और तमाम पहलुओं पर।
शांभवी ने एक लाख 87 हजार 537 वोटों से जीत हासिल की है। शांभवी चौधरी पूरे चुनाव में चर्चा में रहीं, युवाओं से लेकर हर उम्र के लोग उनका समर्थन करते नजर आए। उनके प्रचार के दौरान लोगों की भीड़ और उत्साह देखकर सभी समझ गए थे कि जीत पक्की है, लेकिन परिणाम का इंतजार था। 25 वर्षीय महिला प्रत्याशी ने लोगों की भीड़ को वोटों में बदल दिया और भारी जीत हासिल की।
राजनीति से गहरा नाता
शांभवी चौधरी का राजनीति से नाता काफी पुराना है। हालांकि, वे पहली बार चुनावी मैदान में दिखीं। उनके पिता अशोक चौधरी बिहार सरकार में मंत्री और जेडीयू के दिग्गज नेता हैं। उनकी शादी पूर्व आईपीएस कुणाल किशोर के बेटे शायन कुणाल से हुई है। शांभवी चौधरी का परिवार शुरू से ही राजनीति में मुखर चेहरे के तौर पर काम करता रहा है। यही वजह है कि शांभवी एक चुनावी सभा में कहती हैं कि हम बचपन से ही नेता बनना चाहते थे। आज वे सबसे कम उम्र की सांसद बनकर उभरी हैं।
पढ़ाई में भी काबिल
शांभवी चौधरी ने लेडी श्रीराम कॉलेज और दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से पढ़ाई की है। इसके अलावा उन्होंने एमिटी यूनिवर्सिटी से समाजशास्त्र में डॉक्टरेट (पीएचडी) की है। फिलहाल वे पटना के ज्ञान निकेतन स्कूल में निदेशक के पद पर तैनात हैं। वे स्कूल की सारी जिम्मेदारियां संभालती हैं। शांभवी चौधरी सामाजिक कार्यों में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लेती हैं।