डेस्क : बाल अधिकार संरक्षण आयोग की तरफ से एक एडवाइजरी जारी की गई है इसमें शिक्षा विभाग ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि अगर स्कूलों को खोलने का फैसला लिया जाए तो इसके साथ बच्चों और अभिभावकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए एडवाइजरी का ख्याल रखना होगा। बिहार बाल अधिकार संरक्षण आयोग सरकार के समक्ष यह एडवाइजरी जारी की है आयोग के अध्यक्ष इस संबंध में कई सारे महत्वपूर्ण बिंदुओं के चर्चा की है। जिससे कि कोरोना संक्रमण से बचाओ की जा सके। विभाग ने जो स्कूल के संबंध में दिशा निर्देश जारी किया है वह इस प्रकार है। उन्होंने अभिभावकों और छात्रों के लिए दिशा निर्देश जारी किया है
बाल आयोग के अनुसार जारी किया गया एडवाइजरी
- सभी अभिभावक बच्चों को स्वस्थ होने पर ही स्कूल भेजें.
- सर्दी जुकाम या अन्य कोई परेशानी होने पर स्कूल नहीं भेजें.
- बच्चों के स्कूल यूनिफार्म, बैग व जूते मुझे की साफ सफाई का ख्याल रखें घर पहुंचने पर कॉपी किताब को छूने के बाद हाथ को सैनिटाइज करें.
- बच्चों को मास्क और ग्लव्स पहना कर स्कूल भेजें.
- जब बच्चों को स्कूल भेजें तो उनके साथ सेनीटाइजर भेजें.
- अभिभावक बच्चों को स्वस्थ होने की घोषणा पत्र भी भेजें.
स्कूलो भी इस संबंध में गाइडलाइंस जारी किया गया है
- सारे स्कूल को सैनिटाइज किया जाए.
- पानी पीने और हाथ धोने के पानी की समुचित व्यवस्था हो.
- बच्चों बैठने के बीच 6 फुट की दूरी रखी जाए.
- विद्यार्थियों को कोरोना काल से संबंधित जागरूक किया जाए.
- स्कूल का शौचालय साफ सुथरा रखने की पूरी व्यवस्था हो.
- स्कूल के मुख्य गेट पर बच्चों की स्क्रीनिंग किया जाए और हाथ सेनीटाइज किया जाए.
- स्कूल में लंच अपने बैठे का स्थान पर ही करें.
- क्लास में बच्चों के टेबल बेंच कुर्सियों को डिटॉल से साफ किया जाए.
- प्रतिदिन बस स्कूल वाहन को सेनीटाइज किया जाए.
- 55 सीटर स्कूल बस में 25 बच्चों को बैठाया जाए.
- स्कूल आने वाले शिक्षक, गार्ड, सफाई कर्मी और दाई की स्क्रीनिंग की जाए.
- बच्चों की संख्या के आधार पर दो पाली में स्कूल लगा सकते हैं.
- उन विषयों की पढ़ाई स्कूल में ही हो अन्य विषय का होमवर्क दे दे.
साफ-सफाई भर भी दिया जाए विशेष ध्यान दिशा-निर्देश में कहा गया है कि यह भी ध्यान में रखा जाना चाहिये कि बच्चों के स्कूल आने-जाने के लिए सुरक्षित परिवहन व्यवस्था उपलब्ध है या नहीं, स्कूल में साफ-सफाई और सामाजिक दूरी के लिए पर्याप्त संसाधन हैं या नहीं, स्कूल के छात्रों और कर्मचारियों में कितनों के उनकी उम्र तथा अन्य कारणों से संक्रमित होने के बाद गंभीर रूप से बीमार पड़ने की आशंका है।