डेस्क: आगामी 4 दिसंबर को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) बिहार के दौरे पर आ रहे हैं। संघ प्रमुख मोहन भागवत के बिहार के इस दो दिवसीय दौरे पर कांग्रेस ने सवाल खड़े कर दिए हैं।कांग्रेस के अनुसार बिहार में आरएसएस अपने हिडेन एजेंडे पर काम तेज करने वाली है। संघ प्रमुख मोहन भागवत का दौरा उसी कड़ी का हिस्सा है।दरअसल, अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की बैठक में वो शामिल होने आ रहे है।
मालूम हो कि पहले यह बैठक देश के सभी राज्यों की एक साथ होती थी, लेकिन कोरोना के कारण इस बार यह अति महत्वपूर्ण बैठक अलग-अलग क्षेत्रों में की जा रही है। संघ प्रमुख के बिहार दौरे पर विपक्ष ने अपनी सियासत शुरू कर दी है। जबकि संघ प्रमुख मोहन भागवत दो दिवसीय दौरे के दौरान पटना में पूर्वांचल के राज्यों के संगठन की बैठक में शामिल होंने के लिए आ रहे है। पर मोहन भागवत के बिहार आने से पहले ही सियासत शुरू हो गई है।
कांग्रेस के अनुसार नीतीश कुमार को बिहार में राजनीतिक रूप से हाशिए पर लाने की कोशिश की जा रही है। ऐसे में नीतीश कुमार का दायित्व है कि संघ प्रमुख के बिहार दौरे पर नजर रखें। बिहार और बंगाल बीजेपी के टारगेट में है और यह दौरा भी उसी का हिस्सा है। दूसरी ओर JDU ने संघ प्रमुख पर कांग्रेस द्वारा लगाए गए आरोपों पर पलटवार किया है और कहा है कि कांग्रेस से पूछ कर ही कोई कहीं आएगा-जाएगा क्या। ये देश सभी का है कोई कहीं भी जा सकता है और आ सकता है। नीतीश कुमार विकास के काम में लगे हुए हैं और इसके पहले भी संघ प्रमुख कांग्रेस के शासन में भी आए हैं। कांग्रेस नीतीश कुमार की छवि को ख़राब करने की कोशिश कर रही है वो किसी का ठेकेदार है क्या। कांग्रेस बस भ्रम फैलाने का लगातार लेकिन असफल प्रयास कर रही है।