बिहार में अब गंगा किनारे और NH के पास नहीं खुलेंगे लाल ईंट वाली चिमनियां, जाने सरकार की नई गाइडलाइंस..

डेस्क : साकार पर्यावरण को बचाने और प्रदूषण को नियंत्रित करने का कार्य कर रही है। इसी कड़ी में बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद की ओर से ईंट-भट्टे को लेकर नया आदेश जाड़ी किया है। इसके तहत आवादी वाले इलाके व ल नदियों के किनारे नए ईंट-भट्टे खोलने के लिए अनुमति नहीं दी जाएगी। वहीं एक ईंट भट्ठे से दूसरे ईंट भट्टे के बीच न्यूमतम एक किमी की होनी आवश्यक है।

दरअसल भारत सरकार के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा 22 फरवरी 2022 को जारी अधिसूचना के अनुसार प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने एक नया आदेश जारी किया है। इस नए आदेश में पर्यावरण बचाने को लेकर जोड़ दिया गया है। इस में कहा गया है कि अब नए ईंट-भट्ठे खोलने के लिए ऑनलाइन आवेदन देने होंगे। इसके अलावा नेशनल हाईवे और फोर लेन से 200 और 300 मीटर क्रमसः से अधिक दूरी रखनी होगी। बतादें कि यह नया नियम नए ईंट भट्ठे के लिए मान्य होगा। पुराने वाले अपने तय मानक से चलेंगे।

कृषि योग्य जमीन बचाना है उद्देश : दरअसल, सरकार की ओर से कृषि योग्य भूमि को बचाने के लिए फ्लाई ऐश से निर्मित ईंट को बढ़ावा दिया जा रहा है। मिट्टी की ऊपर के हिस्से को को काट कर ईंट बनाया जाता है। इस कारण उपजाऊ जमीन नष्ट होकर फसल उगाने के योग्य नहीं बचती है। इसलिए नया लाल ईंट भट्ठा खोलने के नियमों को कड़ा किया जा रहा है।

नई दिशा निर्देश कुछ इस प्रकार है

  • दो ईंट-भट्ठा के बीच की दूरी एक किलोमीटर से ज्यादा हो।
  • नदी या अन्य प्राकृतिक जल स्रोत, बांध से दूरी 500 मीटर से ज्यादा होनी चाहिए।
  • आबादी, फलदायी बाग-बगीचे, कार्यालय, स्कूल-कॉलेज, अस्पताल, कोर्ट से नए ईंट-भट्ठे की दूरी 800 मीटर से अधिक होनी चाहिए।
  • रेलवे लाइन और राष्ट्रीय राजमार्ग से नए भट्ठे की दूरी 200 मीटर से अधिक होनी चाहिए।