राज्यसभा सांसद प्रो राकेश सिन्हा ने बताया बिहार में रोजगार के अवसर बढ़ाने का मॉडल

डेस्क : राज्यसभा सांसद प्रो राकेश सिन्हा ने बिहार में रोजगार पैदा करने का एक मॉडल आमलोगों के सामने रखा है। जिससे बिहार से बाहर काम के सिलसिले में जाने बाली आबादी के लिए बिहार में ही रोजगार मुहैया कराई जा सके। और राज्य के GDP दर को भी बढ़ाया जा सके.

आपसे अगर कोई पूछे लॉक डाउन में सबसे ज्यादा दिक्कतों का सामना किसको करना पड़ा होगा, इस स्वाभाविक से प्रश्न पर आपका जबाब क्या होगा. सायद यही की सबसे ज्यादा दिक्कत अपने घर से बाहर रोजी रोटी के कमाने गये प्रवासी कामगारों को हुआ। आपको बता दें कि प्रवासी कामगारों में सबसे ज्यादा संख्या बिहार से ही हैं। ये तादात लाखों में है तत्कालीन आंकड़ों की बात करें तो यह संख्या 40 लाख के आसपास है। इसका वजह आम बिहारियों को पता हो या ना हो लेकिन जो इस चीज को काबू में कर सकते थे , उनको जरूर पता थी, बिहार के सियासतदानों को सायद बिहार का विकास करना रास नहीं आता हो , तभी तो बीते सालों में बिहार में रोजगार परक अवसर को पनपने नहीं दिया गया हो। दरअसल ये बातें इसलिए हो रही है कि रविवार शाम अपने आधिकारिक ट्वीट हेंडल से इस मुद्दों से जुड़ी बातों को राज्यसभा सांसद प्रो राकेश सिन्हा अपने दो ट्वीट्स में साझा किये हैं।

पहला ट्वीट : बिहार को रोजगार बढ़ाने के लिए अनन्त संभावनाओं को जमीन पर उतारना होगा: वैशाली, पावापुरी, बोधगया जैसे पर्यटक स्थल अन्तर्राष्ट्रीय नक्शे में हैं। यदि इन्हीं को सुव्यवस्थित रूप से प्रज्वलित किया गया तो राज्य के GDP में एक अनुमान के अनुसार दो प्रतिशत का इजाफा होगा।

दूसरा ट्वीट : बिहार में मिल्क उद्योग,मखाना,शहद,जूस के साथ एग्रो इंडस्ट्रीज को बढ़ना यहां के रोजगार का प्रचुर अवसर देगा।बिहार का दो तिहाई कैपिटल,श्रम,और प्रतिभाशाली छात्र बाहर क्यो चला जाता हैं? इसपर गंभीर और अपरंपरागत चिंतन की आवश्यकता है। बिहार का migrant workers में सबसे ज्यादा भागीदारी है।