उत्तरी और दक्षिणी बिहार को जोड़ने वाला ‘लाइफ लाइन’ कभी भी होगा सकता बंद, सिमरिया पुल पर नहीं चलेंगी गाड़ियां

न्यूज़ डेस्क : बिहार की औद्योगिक राजधानी कही जाने वाली बेगूसराय में अवस्थित उत्तर और दक्षिण बिहार को जोड़ने वाला एकमात्र पुल राजेंद्र सेतु पर अब पूरी तरह से खतरा मंडराने लगा है। बता दें की पुल पर बड़े वाहन के परिचालन पर रोक के बावजूद भी रात के अंधेरे में पुलिस प्रशासन द्वारा अवैध तरीके से बड़े बड़े वाहनों से वसूली कर परिचालन हो रहा हैं। बताया जा रहा है की पुल के डेक स्लैब मे दो जगह बड़ा छेद हो रहा है। ‌अगर इसी तरह से पुल पर अवैध परिचालन चलता रहा तो एक ना एक दिन पुल अपने आप ध्वस्त हो जाएगा।

डीएम को पत्र लिखकर परिचालन पर रोक लगाने की मांग की गई: बता दें कि पुल की जर्जर स्थिति को देखते हुए पूर्व मध्य रेलवे के जनरल इंजीनियर अविनाश सोनू ने बेगूसराय के डीएम (DM) को पत्र लिखकर बड़े वाहन के परिचालन पर रोक लगाने का अनुरोध किया है। इस संबंध में जनरल इंजीनियर अविनाश सोनु ने बताया की पुल पर अगर बड़े और भारी वाहनों का परिचालन नहीं रोका गया तो सड़क का डेक कभी भी टूट कर गिर सकता है। इससे रेल यात्रियों समेत पुल को भी अपूरणीय क्षति पहुंच सकता है।

पुल के डेक स्लैब मे दो स्थानों पर बड़े छेद हो गया है: आगे उन्होंने कहा की निर्धारित लदान मानकों से अधिक भारी भार वाले वाहनों की आवाजाही से पूरे डेक में स्लैब की संरचनात्मक स्थिति गंभीर हो गई है। डेक स्लैब दो स्थानों पर विफल हो गया। बड़े छेद हो गए हैं। इस पुल के समानांतर एक सिक्स लेन सड़क पुल का निर्माण कार्य चल रहा है। लेकिन, इसे चालू होने में कुछ समय लगेगा। तब तक वर्तमान पुल को सेवा योग्य स्थिति में रखना महत्वपूर्ण है। इसके लिए एनएचएआई (NHAI) द्वारा पुलों के दोनों किनारों पर हाइट गेज लगाया गया है। लेकिन, कुछ लोग इसे रात के अंधेरे में हटा देते हैं और भारी वाहनों का परिचालन कराया जाता है। जिससे पुल सुरक्षा को गंभीर खतरा उत्पन्न हो गया है।

पुल बंद हुआ तो टूट जाएगा उत्तर और दक्षिण बिहार का संपर्क.. बता दें कि पूर्व मध्य रेलवे के जनरल मैनेजर अविनाश सोनू जिलाधिकारी समेत विभिन्न पदाधिकारियों को पत्र लिखकर अनुरोध किया है की राजेंद्र सेतु पर भारी तो क्या छोटे वाहनों के परिचालन पर रोक लगाया जाए। क्योंकि, डेक स्लैब मे बड़े-बड़े छेद के कारण पुल की स्थिति देखते हुए ऐसा प्रतीत होता है। कभी भी टूट कर रेल पटरी पर गिर सकती है। और इससे बड़ा हादसा हो सकता है। परिचालन बंद होने की स्थिति में उत्तर और दक्षिण बिहार का संपर्क लगभग भंग हो जाएगा। राजेंद्र सेतु ही ऐसा मार्ग है जिससे लखीसराय, मुंगेर, बेगूसराय, दरभंगा समस्तीपुर सहित बिहार के अन्य हिस्सों के लोग आवाजाही एवं व्यवसाय को कार्य रूप दे रहे हैं।