बिहार के होनहार छात्रों ने कचरे से बना डाला पेट्रोल-डीज़ल की मशीन, 25 अक्टूबर से होगा चालू , जानें- क्‍या है खासियत..

न्यूज डेस्क: बिहार के मुजफ्फपुर जिले में प्लास्टिक कचरे से पेट्रोल, डीजल बनाने का प्लांट बनकर तैयार है। यहां अब हर रोज इस फैक्ट्री से दो सौ किलो प्लास्टिक कचरा से 175 लीटर डीजल व पेट्रोल तैयार हो सकेगा। पीपीपी मॉडल पर बनकर तैयार हुए इस प्लांट का संचालन अब 25 अक्टूबर से शुरू कर देगी। कंपनी से प्रबन्ध निदेशक का कहना है कि जल्द ही प्लांट का संचालन शुरू हो जाएगा। इस प्लांट के तैयार होने के बाद नगर निगम के अफसरों ने भी खुशी जाहिर की है। प्लांट के स्थापित होने से नगर निगम के अलावा सभी नगर पंचायतों से निकलने वाले प्लास्टिक का डीजल, पेट्रोल बनाने के प्रयोग में लाया जाएगा। साथ ही जिले को प्लास्टिक कचरे से भी निजात मिल सकेगी।

कैसे करेगा यह तकनीक काम ?

मशीन की मदद से प्लास्टिक कचड़ों को इथेन में का रूप दिया जाएगा। और फिर इथेन को आइसो ऑक्टेन में तब्दील कर पेट्रोल निकाला जाएगा।जिसमे एक लीटर पर 45 रुपये लागत आएगी। नगर निगम के स्तर से फैक्ट्री को प्लास्टिक कचरा उपलब्ध कराया जाएगा।आपको बात दे की जिले में पहले से गीले कचरे से नगर निगम के स्तर से जैविक खाद बनाया जा रहा है। और इसके लिए चंदवारा, सिकंदरपुर व कंपनीबाग में पिट भी स्थापित है।

मुजफ्फरपुर के आशुतोष ने बनाई यह मशीन

मुजफ्फरपुर के आशुतोष

प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना के तहत फैक्ट्री खोली जा रही है। इसके लिए पूरी तैयारी की जा चुकी है। वही फैक्ट्री का संचालन स्थानीय युवाओं की टीम द्वारा किया जायेगा। इस टीम में आशुतोष मंगलम, शिवानी, सुमित कुमार, अमन कुमार व मो. हसन आदि शामिल हैं। आपको बता दे की कचरा से पेट्रोल बनाने का पूरा कॉन्सेप्ट आशुतोष मंगलम का है। इंडियन स्टैटिकल इंस्टिट्यूट में सेकेन्ड पार्ट के यह छात्र मंगलम पांच सालों से इस प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं।