बिजली की किल्लत ! फिर भी बिहार झारखण्ड की राजधानी में BLACK OUT होने की संभावना हुई कम-जानिए कैसे होगा संभव

न्यूज डेस्क : देश के लोग बिजली की किल्लत होने की बात सहम उठे हैं। पर बिहार – झारखंड वासियों को चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। बताया जा रहा है कि पटना और रांची में बिजली की समस्या नहीं होगी। इन दो बड़े शहरों में आइलैंडिंग स्कीम अंतर्गत आधारभूत संरचना विकसित होगी, इस स्कीम से अचानक से उत्पन हुए बिजली समस्या को नियंत्रण में रख बिजली आपूर्ति को बहाल रखा जा सकेगा।

बीते शुक्रवार को कोलकाता में इस्टर्न रीजन पावर कमेटी (ERPC) की बैठक में इसकी मंजूरी दी गयी। वहीं इस महत्वपूर्ण बैठक में बिहार से ऊर्जा सचिव संजीव हंस ने हिस्सा लिया। साथ ही राज्य सरकार को इस संबंध जरूरी आधारभूत संरचना डेवलोप करने को को लेकर विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) तैयार करने का आदेश दिया गया है। विस्तृत परियोजना रिपोर्ट की प्राप्त होते ही खर्च होने वाली राशि पास कर दिया जायेगा।

देश के पूर्व राजधानी कोलकाता में सफल रहा था यह प्रयोग

मालूम हो कि जुलाई, 2012 वाली ग्रिड गड़बड़ी के समय मे कोलकाता में आइलैंडिंग स्कीम का काफी सफल परिणाम रहा। वहीं इस प्रयोग कारण पूर्वोत्तर के कई प्रदेशों में ब्लैकआउट होने के बाद भी कोलकाता में विधुत आपूर्ति को सामान्य रखा जा सका। बतादें कि सीइएससी प्रणाली और इसके अवाला अन्य छोटी-छोटी सीपीपी सिस्टम पर कुछ लोड देते हुए शहर के ग्रिड को बिना बिघ्न- बाधा के चालू रखा जा सका।

ब्लैकआउट में बिजली बनाये रखने का अंतिम रास्ता

आइलैंडिंग ब्लैकआउट के समय पावर सिस्टम डिफेंस प्लान के अंतर्गत विधुत व्यवस्था कंट्रोल का का अंतिम रास्ता है। इस ऊर्जा से रक्षा तंत्र में सिस्टम के एक हिस्से को सम्पूर्ण रूप से दूसरे प्रभावित ग्रिड से भिन्न किया जाता है, जिससे यह उप-भाग ग्रिड के अन्य भागों से अलग होते हुए भी चालू रह सके। बतादें की वर्तमान में पटना को 2-3 स्त्रोत से विधुत आपूर्ति होती है। बता दें कि आइलैंडिंग बिभिन्न स्रोत होंगे, जिससे एक के फेल होने पर अन्य ट्रांसमिशन माध्यमों का तुरंत उपयोग सरलता से हो पायेगा। ऊर्जा विभाग के सचिव संजीव हंस बतातें हैं कि आगामी वर्ष पटना में आइलैंडिंग सिस्टम आरम्भ कर दिया जायेगा।