डेस्क : गुरूवार को स्वास्थ्य विभाग से एक राहत भरी खबर निकल कर सामने आई है। आने वाले सात दिनों में बिहार में भी प्लाज्मा थेरेपी से इलाज़ की शुरूआत हो जाएगी। इसी के साथ बिहार भारत का पांचवा राज्य बन जाएगा। इससे पहले देश में केरल, मध्यप्रदेश, दिल्ली और राजस्थान में भी इस थेरेपी की शुरूआत हो चुकी है। हालांकि किसी राज्य ने अब तक सफलता का शत प्रतिशत दावा नहीं किया है। बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा है कि एम्स पटना ने आईसीएमआर को प्रस्ताव भेज दिया है, और (ICMR) आईसीएमआर ने इसकी जांच पड़ताल भी कर ली है। और उन्होनें भरेसा दिलाया है कि सात दिनों में प्रस्ताव की मंजूरी दे दी जाएगी।
स्वास्थ्य मंत्री ने पूरी उम्मीद जताते हुए कहा कि कोरोना वायरस को देखते हुए इस थेरेपी की शुरूआत होने वाली है, और इसको लेकर एम्स पटना ने कर्मियों को प्रशिक्षण देने से लेकर संसाधनों की पूरी तैयारी कर ली है। फिलहाल बिहार में संक्रमितों का आकड़ा 550 तक पहुंच गया है। बता दें कि एम्स के डॉक्टरों ने भी इसका स्वागत किया है।
क्या है प्लाज्मा थेरेपी : कोरोना वायरस से ठीक हुए लोगों के खून से प्लाज्मा निकाल दूसरे कोरोना वायरस संक्रमित रोगी को डोनेट किया जाता है। जिन लोगों में कोरोना वायरस का संक्रमण खत्म हो जाता है उनमें रोग प्रतिरोधक क्षमता (एंटीबॉडी) बढ़ जाती है। फिर प्लाज्मा के जरिए इससे दूसरे रोगियों में भी एंटीबॉडी पैदा होने लगती है।