डेस्क : 27 जनवरी को पटना हाई कोर्ट के जस्टिस पीबी बजनथरी की बेंच ने एक निलंबित अंचलाधिकारी सर्किल ऑफिसर) की पेटिशन पर सुनवाई किया। सुनवाई में हाई कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के एक डिसीजन का हवाला देते हुए कहा कि किसी निलंबित अधिकारी को लंबे समय तक के लिए निलंबित नहीं रखा जा सकता है।
जिस याचिकाकर्ता की पिटीशन पर यह निर्णय हाईकोर्ट ने दिया वह बक्सर के राजपुर ब्लॉक में सर्किल ऑफिसर थे उन्हें 7 अक्टूबर 2016 को ट्रैप केस में गिरफ्तार किया गया था और 16 दिसंबर 2016 को निलंबित कर दिया गया था न्यायिक हिरासत से जमानत पर रिहा होने के बाद अब तक ना तो जांच पूरी हुई और ना ही उनका निलंबन रद्द किया गया। याचिकाकर्ता की पेटिशन पर पी बी बजनथरी के सिंगल बेंच में सुप्रीम कोर्ट द्वारा अजय कुमार चौधरी बनाम यूनियन ऑफ़ इंडिया केस में दिए गए निर्णय के अनुसार सर्किल ऑफिसर के निलंबन की समीक्षा जल्द से जल्द करने को आदेशित दिया जो कि 6 महीने के भीतर होनी चाहिए। साथ ही यह भी जांच करने का आदेश दिया कि याचिकाकर्ता जीवन निर्वाह भत्ता का हकदार है या नहीं।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार निलंबित कर्मी के विरुद्ध अगर लम्बा समय लेने के बाद भी जांच पूरा नहीं किया जा सकता है तो ऐसे में निलंबन रद्द करना होगा। हाई कोर्ट के आए इस फैसले के बाद अब निलंबित अधिकारियों और कर्मियों को राहत मिली।