गांव में समय बिता रहे हैं Pankaj Tripathi, कहा- जिस स्कूल में पढ़ा, उसे संवारने आया हूं…

Pankaj Tripathi : पंकज त्रिपाठी को आज कौन नहीं जानता है। पंकज एक ऐसे अभिनेता हैं, जो हर किसी के दिलों पर राज करते हैं। पंकज त्रिपाठी एक जमीन से जुड़े कलाकार हैं। इस बात को प्रमाणित करने की आवश्यकता शायद नहीं है। इनके सोशल मीडिया प्लेटफार्म या फिर खबरों से पता लगाया जा सकता है कि यह अपने गांव और मातृभूमि से कितना प्रेम करते हैं। साल में दो-तीन बार गांव जाने वाले पंकज त्रिपाठी फिर कुछ दिनों से अपने गांव बेलसंड में हैं। पंकज त्रिपाठी ने जिस स्कूल से पढ़ाई की है। उस स्कूल का सौंदर्यकरण करवा रहे हैं।

पंकज त्रिपाठी ने कहा कि वह भले ही मुंबई में रहते हैं, लेकिन उनकी आत्मा आज भी गांव की गलियों में बसती है। यहां उनका बचपन आज भी जिंदा है और उन्हें मुंबई या देश-विदेश में कहीं भी रहते हुए हमेशा अपने गांव की याद आती रहती है और जब भी समय मिलता है, चाहे कुछ घंटों के लिए ही क्यों न हो, वह गांव जरूर आते हैं और सारा स्टारडम हार मान कर वह अपने बचपन का पंकज बन जाता है।

गांव में शिक्षा का ग्राफ और बढ़ा। हर घर के बच्चे न सिर्फ पढ़ाई करें बल्कि पढ़ाई के दम पर आगे बढ़ें, यही उनकी सोच है और इस सोच को साकार करने के लिए वे 24 घंटे तैयार हैं। उन्होंने कहा कि अगर किसी बच्चे को पढ़ाई में परेशानी हो रही है तो वह बेझिझक उनसे बात कर सकता है। उन्होंने कहा कि समस्या का समाधान निश्चित होगा। इसके अलावा गांव के सौंदर्यीकरण के कार्य भी होंगे, जमीन का जलस्तर बेहतर हो, साफ-सफाई हो, ग्रामीणों में एकता और भाईचारा बना रहे, यह उनकी प्राथमिकता है।

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पहले जब वे गांव में आए थे तो गांव की हरियाली बनाए रखने के लिए, पर्यावरण को शुद्ध रखने के लिए पेड़ लगाए गए थे और अब वे पौधे भी थोड़े बड़े हो गए हैं। कार्यक्रम में पहुंचे डीएम डॉ. नवल किशोर चौधरी ने भी पंकज त्रिपाठी की इस पहल की सराहना की और सिने अभिनेता को ग्रामीणों के साथ इस पुनीत कार्य के लिए धन्यवाद दिया। समारोह में डीएम समेत अन्य अधिकारियों व बुद्धिजीवियों का भी सम्मान किया गया। मौके पर बीडीओ विनोद कुमार, फाउंडेशन अध्यक्ष विजेंद्र तिवारी, रंजन तिवारी, राजन तिवारी सहित सैकड़ों ग्रामीण मौजूद रहे।

सुमन सौरब

अपने आप को हारा हुआ इंसान.....लेकिन फिर भी जीतने की तमन्ना मे ????