बिहार में पंचायत चुनाव की सरगर्मियां तेज, तय हुए नामांकन शुल्क, पंचायत में खेमा मजबूत करने में जुटे प्रत्याशी

न्यूज डेस्क : आगामी पंचायत चुनाव को लेकर बिहार भर में सरगर्मियां तेज हो गई है. गांव गांव के लोग विगत पांच साल में पंचायत में हुए कामों की समीक्षा में जुट गए हैं। जिसके बाद गांव के वर्तमान जनप्रतिनिधियों और आगामी चुनाव में चुनाव लड़ने के इच्छुक सामाजिक कार्यकर्ताओं में भी अपने अपने खेमे को मजबूत करने की प्रतिस्पर्धा तेज हो गई है।

बताते चलें कि इस बार के पंचायत चुनाव में अलग-अलग पदों के लिए अलग-अलग नामांकन शुल्क निर्वाचन आयोग ने तय किए हैं। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में 6 पदों के लिए होने वाले चुनाव में नामांकन शुल्क ढाई सौ रुपये से लेकर दो हजार रुपये तक तय किए गए हैं। वहीं महिला अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति और पिछड़े वर्ग के प्रत्याशियों को आधा शुल्क ही देना होगा । और नामांकन शुल्क वापस नहीं होगा ।

बताते चलें कि राज्य निर्वाचन आयोग के सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार साल 2016 में आयोजित चुनाव की तुलना में साल 2021 में आयोजित होने वाले चुनाव में नामांकन शुल्क में कोई भी फेरबदल नहीं किया गया है। पंचायत चुनाव में कोई भी अभ्यर्थी किसी पद के लिए 2 से अधिक नामांकन पत्र दाखिल नहीं कर सकेंगे हालांकि इसके लिए एक ही नामांकन शुल्क उनको देना होगा, वहीं दूसरी ओर एक व्यक्ति एक साथ एक से अधिक पद के लिए चुनाव लड़ सकते हैं लेकिन उन्हें अलग-अलग पद के लिए अलग-अलग नामांकन पत्र दाखिल करना होगा और नामांकन शुल्क भी अलग-अलग पदों के लिए अलग-अलग भुगतान करना होगा ।

इतना लगेगा नामांकन शुल्क

  • वार्ड पंच/ सदस्य – 250 ₹
  • मुखिया / सरपंच / पंसस – 1000 ₹
  • जिला परिषद सदस्य – 2000 ₹
  • उक्त तय शुल्क के मुताबिक महिला और आरक्षित वर्ग के लोगों को आधा नामांकन शुल्क ही लगेंगे ।