ये है पशु-पक्षी प्रेमी- पहले कौवा और मछली को खिलाते हैं खाना, बाद में खुद करते हैं भोजन..

न्यूज डेस्क: देश में कई ऐसे पशु-पक्षी हैं जो धीरे-धीरे कम होते जा रहे हैं। इस सूची में कौआ भी शामिल है। आपने गौर किया होगा की आकाश में कौआ कम ही दिखते हैं। ऐसे में नरकटियागंज के रहने वाले उपदेश कुमार को इन पशु पक्षियों की सुरक्षा और संरक्षण की चिन्ता है। उपदेश रोजाना कौओं और मछलियों को रोटी खिलाते हैं। ये सिलसिला पिछले 5 सालों से चला आ रहा है।

करीब 100 कौए सुबह एक निश्चित समय पर तालाब के किनारे इकट्ठा होते हैं। कोरोना काल में लॉकडाउन के दौरान भी वह कौओं को दाना डालने के लिए घर से निकल जाते थे। कौओं को खाना खिलाने में 10-15 मिनट का समय लगता है। उन्हें पानी का इंतजाम भी नहीं करना पड़ता, क्योंकि पास में ही एक पोखर है।

उपदेश कुमार कहते हैं कि जैव विविधता में पक्षियों का बहुत महत्व है। धीरे-धीरे कौवे कम हो रहे हैं। यह काम वे अपनी संख्या बढ़ाने और उन्हें संरक्षित करने के लिए करते हैं। वे कौओं के लिए घर से बनी रोटी मंगवाते हैं। पोखरा तट पर पहुंचते ही बड़ी संख्या में कौवे पहुंच जाते हैं। उनमें से कुछ पक्षियों को उड़ने की स्थिति में खिलाते हैं और कुछ नीचे फर्श पर।

मछलियों के लिए भी उत्तम व्यवस्था

प्रतिदिन नगर के मध्य स्थित तालाब की मछलियाँ भी प्रवचन का इंतजार करती हैं। वे कौओं के लिए रोटी के साथ मछली के आटे के गोले भी लेते हैं। कौओं को रोटी खिलाने के बाद मछलियों को आटे के गोले डाल देते हैं। भोजन के लिए मछलियाँ पोखरों में मौज-मस्ती करने लगती हैं।