बिहार : साल 2020 में बिहार विद्याललय परीक्षा समिति द्वारा आयोजित इंटरमीडिएट के परीक्षा में इस बार इतने बड़े स्तर पर चेकिंग चल रही है की अगर हम पिछला इतिहास खंगाल कर देखें तो ऐसा देखने को नहीं मिलेगा। हाल ही यह खबर बाजार में उठी थी की जूते और चप्पल पहन कर आने पर पाबंद लगा दिया है जिसके चलते विद्यार्थी सिर्फ चप्पल में ही आ रहे है। ऐसे में कपड़ो की भी अच्छे से तलाशी ली जा रही है। मधुबनी से वीडियो वायरल होने का एक मामला सामने आया है जहां पर लड़कियों की चेकिंग सरेआम परीक्षा हॉल में ही की जा रही है।वीडियो वायरल होने पर मीडिया में इस बात को कवरेज मिलने के बाद प्रदेश के शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन वर्मा ने भरोसा दिया है कि पूरे मामले की जानकारी जुटाई जा रही है दोषी लोगों पर कठोर करवाई की जायेगी।
आपको बता दें की यह चेकिंग मधुबनी जिला गोरगमा स्थित परीक्षा केंद्र में चल रही है। इस मामले पर नजर डालते ही ऐसा लग रहा है की छात्राओं की आबरू पर आँख उठायी जा रही है। दरअसल इन लड़कियों की चेकिंग इसलिए हो रही है ताकि यह जांचा परखा जा सके की कहीं इनके पास कोई चिट तो नहीं है जिसकी मदद से ये लडकियां परीक्षा केंद्र में नक़ल चला लें , ऐसे में प्रशासन का इतना कड़ा रवैय्या भी ठीक नहीं है जिससे इंसान का आत्मविश्वास तार तार हो वह भी भरी सभा में ,फिलहाल आपको बता दें की इस मामले की अभी और जांच की जानी बाकी है।हालांकि वीडियो की सत्यता की पुष्टि the begusarai नहीं करता है कि वीडियो कब का है।
मामले में जो बात बाहर निकल कर आ रही है वह और चौंकाने वाली है , ऐसा बताया जा रहा है की फूलपरास अनुमंडल के डीसीएलआर महेश्वर प्रसाद परीक्षा के दौरान छात्राओं की चेकिंग करने में जुटे है, चेकिंग के नाम पर न तो उनके साथ कोई महिला वीक्षक है और न ही महिला सिपाही है, इस बार की परीक्षा में सरकार एक तरफ सख्ती बरत रही है तो दूसरी तरफ विद्यार्थी लोग भी जमकर पर्चियां ला रहे है। सायद इसीलिये अब तक 200 विद्यार्थियों को पर्चियों के साथ पकड़ा गया है जिनको परीक्षा से निष्कासित कर दिया गया।