डेस्क : बिहार में बालू माफियाओं पर लगाम लगाने के लिए इस बार सरकार बालू खनन को लेकर सख्त नजर आ रही है। दरअसल, बिहार के 10 जिलों में रविवार से बालू खनन शुरू हो गया है। इस बार बालू खनन को लेकर व्यवस्था काफी सख्त है।
नये नियमों के तहत छोटे-छोटे समूहों में बनाये गये नदी घाटों की नीलामी नये सिस्टम से की गयी। बालू ढोने वाले वाहनों का निबंधन करने, उनमें जीपीएस लगाने, बालू तौलने के लिए घाटों पर धर्मकांटा लगाने, चेक पोस्ट बनाने, चालान काउंटर व चेक पोस्ट पर सीसीटीवी लगाने का निर्देश दिया गया है।
इन जिलों में रेत खनन (Sand Mining) की अनुमति
खान एवं भूतत्व विभाग के मुताबिक, पटना, रोहतास, औरंगाबाद, जमुई, लखीसराय, भोजपुर, अरवल, गया, नवादा और बांका जिले में बालू खनन की अनुमति दे दी गयी है। अवैध खनन रोकने के लिए अधिकारियों की संयुक्त टीम बनाई जाएगी। साथ ही संबंधित जिलों के खनिज विकास पदाधिकारी एवं खान निरीक्षकों को भी घाटों का निरीक्षण करने का निर्देश दिया गया है।
इन सभी बिंदुओं पर यह सुनिश्चित करने के लिए निगरानी की जाएगी कि बसे लोग स्वीकृत क्षेत्र से तीन मीटर से अधिक बाहर या मानकों के विपरीत खनन नहीं कर रहे हैं। नियमों का पालन नहीं करने पर विभाग खनन को अवैध घोषित करेगा और बसनेवालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगा।
अवैध खनन की वीडियोग्राफी कराई जाएगी
अवैध खनन की सूचना मिलने पर खनिज विकास अधिकारी ड्रोन या मैनुअल ग्रिड पैटर्न तैयार कर खनन की लंबाई, चौड़ाई, गहराई और ऊंचाई का विवरण प्राप्त करेंगे। विभाग इस पूरी प्रक्रिया की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी भी कराएगा। सभी खनन पदाधिकारियों को जांच के दौरान साक्ष्य व रिपोर्ट सही तरीके से तैयार करने का निर्देश दिया गया।
जांच के दौरान यदि कोई अनियमितता पाई जाती है तो उसकी फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी कराई जाएगी, जिसमें अक्षांश और देशांतर के साथ-साथ समय और तारीख भी दर्ज की जाएगी। इससे इसे कोर्ट में सबूत के तौर पर पेश करना आसान हो जाएगा। कोर्ट में यह आसानी से बताया जा सकता है कि ये तस्वीरें और वीडियो कहां के हैं और कब बनाए गए हैं।