डेस्क : बिहार विधानसभा चुनावों में भले ही नीतीश कुमार महज 43 सीट लाकर के राजद और भाजपा के सामने कमजोर पड़ गए थे। लेकिन , बिहार में वो अपनी ताकत को शायद और कमजोर नहीं होने देना चाह रहे। दरसअल नीतीश कुमार लगातार दूसरी छोटी पार्टियों के विधायकों से बात कर रहे हैं और उन्हें अपने पाले में मिलाने का जुगाड़ लगा रहे हैं।
ओवैसी के विधायकों ने की मुलाकात- राज्य के सियासी गलियारों में उस समय अटकलों का दौर चालू हो गया जब ओवैसी की पार्टी के सभी 5 विधायक कल नीतीश कुमार से मुलाकात करने एक अणे मार्ग पहुँचे। हालांकि AIMIM ने कहा है कि पांचों विधायक सीमांचल के विकास के मुद्दे पर मुख्यमंत्री से मिलने गए थे। लेकिन , राजनैतिक पंडित अनुमान लगा रहे हैं कि शायद ओवैसी की पार्टी के सभी विधायक जदयू में शामिल हो जाये और राज्य में नीतीश कुमार कुनबा थोड़ा और मजबूत हो जाए।
बिहार में पुराना है ये ट्रेंड- बिहार में छोटी पार्टियों द्वारा चुनाव जीतने के बाद उनके विधायकों का सत्ताधारी पार्टी में शामिल हो जाना पुराना ट्रेंड रहा है। अभी कुछ दिन पहले बसपा के एकलौते विधायक जदयू में शामिल हो गए थे। तो वहीं, लोजपा के विधायक के भी जदयू में शामिल होने की बात चल रही है।