डेस्क : बिहार विधानसभा चुनाव 2020 (Bihar Assembly Elections 2020) में रोजगार का मुद्दा बनाकर पर काफी सियासत हुई। अब राज्य के सेकेंडरी और हायर सेकेंडरी स्कूलों में लगभग बड़े पैमाने पर शिक्षकों के रिक्त पदों पर अब तक नहीं भरे जाने को पटना हाई कोर्ट (Patna High Court) ने काफी गंभीरता से लिया है। जस्टिस ए अमानुल्लाह (Justice A Amanullah) ने याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार व बिहार विद्यालय परीक्षा समिति को 8 जनवरी, 2021तक जवाब देने का निर्देश दिया है।
दरअसल, राज्य में सेकंडरी और हायर सेकंडरी स्कूलों में लगभग 34 हजार शिक्षकों के पद रिक्त हैं। इन पर बहाली के लिए 1 जुलाई, 2019 को राज्य सरकार ने विज्ञापन निकाला था। 20अप्रैल, 2020 तक 33, 916 पद रिक्त होने की बात कही गई, लेकिन अब तक इन पदों पर भर्ती नहीं की गई है। इस मामले पर अगली सुनवाई 8 दिसंबर,2021को होगी।गौरतलब है कि शिक्षा विभाग की लेटलतीफी की वजह से राज्य के 4 हजार से ज्यादा अभ्यर्थी अनुकम्पा नौकरी के लिए भी परेशान हैं। वर्षों से आश्रितों को सरकार और अधिकारियों की तरफ से सिर्फ तारीख पर तारीख मिल रही है, लेकिन नौकरी नहीं मिली है।
राज्य में 11 हजार पदों पर विद्यालय परिचारी और सहायक की बहाली होनी है जिसमें मृत कर्मियों और शिक्षकों के आश्रितों को अनुकम्पा के तर्ज पर नौकरी दी जानी है, लेकिन अब तक कार्रवाई नहीं हो सकी है जिससे सभी आश्रित मानसिक और आर्थिक रूप से परेशान हैं। सरकार के आदेश के बाद अभ्यर्थी पिछले 8 साल से कभी डीईओ कार्यालय तो कभी सचिवालय के बाबुओं का चक्कर लगा रहे हैं।फिर से नई सरकार के गठन के बाद अभ्यर्थी सचिवालय गुहार लगाने पहुंचे। जहां फिर से जल्द मांगे पूरी होने का सिर्फ आश्वासन दिया गया।