नीतीश कुमार और उपेंद्र कुशवाहा टूटे हुए बल्ब के हैं फिलामेंट, रालोसपा का विलय कर जदयू ने भाजपा को घोंपा खंजर

न्यूज डेस्क : रविवार को रालोसपा का जदयू में विलय होने के बाद बिहार में विपक्ष नीतीश कुमार पर लगातार हमलावर हो चुका है। बताते चलें कि पिछले साल 2020 विधानसभा चुनाव में उपेंद्र कुशवाहा खुद सीएम कैंडिडेट थे और वह घूम घूम कर नीतीश कुमार के विरोध में चुनाव प्रचार और उनके किये कामों की बुराइयां को गिनाते नहीं तक रहे थे और जब चुनाव में एक भी सीट हासिल नहीं हो पाया तब फिर वापस जदयू में अपनी पार्टी का विलय कर लिया ।

इसको लेकर प्रदेश कांग्रेस के नेता ललन कुमार ने सीएम नीतीश कुमार कहां दो टूटे हुए फिलामेंट को जोरकर बल्ब नहीं जलाया जा सकता है। जनता इन्हें पूरी तरह से नकार दी है। जो जदयू राज्य में लगातार सत्ता में काबिज है उसका अब जनाधार खत्म हो चुका है । इसका उदाहरण जनता विगत चुनाव में देख चुकी है। उन्होंने उपेंद्र कुशवाहा पर हमलावर होते हुए कहा कि दिल्ली की राजनीति से आउट होने के बाद बिहार में अपनी राजनीतिक अस्मिता बचाने के लिए जदयू में सम्मिलित हुए हैं। वहीं नीतीश कुमार ने अपने पैरों तले की खिसकती हुई जमीन को आभास करते हुए अपने पुराने सिपाही पर भरोसा जताया है। लेकिन बिहार की जनता सब समझती है कि आखिर यह लोग एक दूसरे से अलग क्यों होते हैं और एक दूसरे के साथ आते क्यों है।

नीतीश कुमार को अपनी कुर्सी प्यारी है, वो सिर्फ अपना पद बचाने के लिए नए नए प्रयोग करते रहते हैं। वहीं उन्होंने कहा कि भाजपा को समझना चाहिए कि नीतीश कुमार उनके साथ विश्वासघात कर रहे हैं। भाजपा को चाहिए कि जदयू से भितरघात के बदले समर्थन वापस लेकर सरकार गिरा देना चाहिए ।