नितीश सरकार का आदेश – बिहार के हड़ताली डॉक्टरों की होगी वेतन कटौती और कानूनी कार्यवाही

डेस्क : बिहार में जूनियर डॉक्टर इस वक्त हड़ताल पर बैठे हैं आपको बता दें कि वह पिछले 3 दिनों से हड़ताल पर बैठे हैं। ऐसे में सरकार ने इन 3 दिनों से हड़ताल पर बैठे डॉक्टरों के लिए नए आदेश जारी किए हैं जिसमें सरकार ने साफ़ तरीके से कहा है कि इन सभी जूनियर डॉक्टर का वेतन काटा जाएगा। आपको बता दें कि राज्य के जूनियर डॉक्टर छात्रवृत्ति में बढ़ोतरी की मांग कर रहे हैं। वह इस बढ़ोतरी की मांग पिछले 3 दिनों से लगातार कर रहे हैं और अनिश्चितकालीन धरना दे रहे हैं। धरना देने का माध्यम उन्होंने हड़ताल को चुना हुआ है।

शुक्रवार को जारी किये गए आदेश में सरकार ने सख्त तरीके से कहा है कि उनके वेतन में कटौती की जाएगी और स्टाइपेंड से नो वर्क नो पे के सिद्धांत पर उचित राशि काटी जाएगी। अगर कोई भी पोस्ट ग्रेजुएट छात्र, ओपीडी या ऑपरेशन में लापरवाही बरतेगा एवं चिकित्सीय सेवाओं में बाधा अटकाएगा तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।इस अनिश्चितकालीन हड़ताल की वजह से राज्य के 9 सरकारी अस्पताल में बाधा आ रही है और इधर आने वाले जितने भी मरीज हैं उनकी हालत को देखने वाला कोई नहीं है। आपको बता दें कि मरीज जब भी अस्पताल आते हैं तो उन्हें यह सुनने को मिलता है कि आज कोई भी डॉक्टर उनकी तबीयत का हाल नहीं लेगा। ऐसे में जिन की सर्जरी होनी थी उनकी तिथि को टाल दिया गया है।

काफी मरीज ऐसे हैं जिनकी दवाई की जरूरत पूरी नहीं हो पा रही है। पीजी के डॉक्टर कोरोना के मरीजों को भी नहीं देख रहे हैं। पीजी के डॉक्टरों का कहना है कि सरकार अपनी जिम्मेदारी भूल गई है जिसमें उसने कहा था कि वह हर 3 साल पर उनकी छात्रवृत्ति को बढ़ाएगी। इसमें वह काफी समय से बढ़ोतरी का इंतजार कर रहे थे। लेकिन कोरोना महामारी में उनको काफी परेशानी आई और अब जब यह कार्य करना दोबारा चालू किया है तो किसी भी तरह की बढ़ोतरी देखने को नहीं मिल रही है। साथ ही जब कॉलेज के प्रशासन एवं अधिकारीयों से उन्होंने बात करने की कोशिश की तो उनको सिर्फ निराशा ही हाथ लगी।