डेस्क : नीति आयोग ने हाल में अपनी वार्षिक रिपोर्ट जारी की है। जिसमे बिहार को ख़ास तौर दे बधाई दी गई है। ये उपलब्धि बिहार को शिक्षा के क्षेत्र में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले चार जिलों की वजह से मिली है।
शिक्षा में बजट का एक बड़ा हिस्सा खर्च किया जाता है, जिस से उपलब्धि मिली विगत कुछ वर्षों में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में तथा उनके दिशा निर्देश पर क्वालिटी एडुकेशन को लेकर किये जा रहे कार्यो का ही परिणाम है जो बिहार के चार जिले अग्रणी आये है। शिक्षा विभाग में बजट का कुल 21.94% अर्थात लगभग 21939.03 करोड़ रुपये खर्च किया गया है। इसी का परिणाम है जो कि वर्ष 2021 अक्टूबर की डेल्टा रैंकिंग में बिहार के चार जिलों को टॉप 5 के पढ़ाकू जिलों में स्थान मिला है।
दुमका को मिला पहला स्थान नीति आयोग ने कई पैमानों पर देशभर के जिलों में से कुछेक को सर्वश्रेष्ठ जिला मानते हुए डेल्टा रैंकिंग जारी की। जिनमे मानकों के रूप में आधारभूत संरचना, पानी की व्यवस्था, टॉयलेट, लाइब्रेरी अन्य सुविधाओ को देखा जाता है। इन्ही मानकों के आधार पर झारखंड के दुमका के बाद नीति आयोग ने मुजफ्फरपुर को दूसरा, औरंगाबाद को तीसरा, बांका को चौथा तथा शेखपुरा को पांचवा स्थान दिया है। इन जिलों को परिवर्तन का चैंपियन मानते हुए बधाई दी है। नीति आयोग ने शिक्षा को आत्मनिर्भर भारत की महत्वपूर्ण कुंजी बताया है और पांच जिलों को अक्टूबर 2021 के लिए आकांक्षी जिला घोषित कर दिया है।