मुजफ्फरपुर मामले में NHRC ने मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद मरीजों की आंख गंवाने की खबरों पर बिहार सरकार को भेजा नोटिस

बिहार में इन दिनों एक खबर पूरे देश में सुर्खियां बटोर रही है ,मामला है मुजफ्फरपुर का जहाँ पर इस जिले के एक अस्पताल में हाल ही में आयोजित एक नि: शुल्क शिविर में मोतियाबिंद की कथित सर्जरी को लेकर बवाल की स्थिति बनी हुई है, जिसके परिणामस्वरूप कम से कम 15 रोगियों की ऑपरेशन की गई जिसके बाद मोतियाबिंद रोगियों की आंखों की रोशनी पूरी तरह से चली गई है। अब इस मामले को लेकर

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने संज्ञान लेते हुए बिहार सरकार को नोटिस भेजा है जहां पर ,NHRC ने कहा कि उसने इस मामले का स्वत: संज्ञान लिया है कि “22 नवंबर को मुजफ्फरपुर नेत्र अस्पताल में मोतियाबिंद सर्जरी के कारण श्री कृष्णा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (SKMCH) में छह मरीजों की आंखें निकालनी पड़ी थीं।

सर्जरी के बाद संक्रमण के कारण डॉक्टरों को अधिक रोगियों की आंखें निकालने की आवश्यकता हो सकती है। NHRC के पत्र में कहा गया है की ‘एक मेडिकल प्रोटोकॉल के मुताबिक एक डॉक्टर 12 सर्जरी तक कर सकता है। लेकिन इस मामले में डॉक्टर ने 65 मरीजों की सर्जरी की।’NHRC ने पाया कि इस तरह के “चिकित्सा प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने वाले लापरवाह तरीके से” आंखों की सर्जरी करना “चिंता का गंभीर मामला” है।

एनएचआरसी के बयान में कहा गया है कि पैनल ने बिहार सरकार के मुख्य सचिव को नोटिस जारी कर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।एक मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ज्यादातर मामलों में, “मरीजों का कॉर्निया बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है और इस बात की संभावना है कि संक्रमण उनके दिमाग तक पहुंच सकता है।”

“छह मरीजों की हालत बहुत गंभीर है। अस्पताल के अधिकारियों ने मामले को दबाने की कोशिश की और जांच होने तक जिला प्रशासन या राज्य के स्वास्थ्य विभाग को सूचित नहीं किया।इस घटना के सामने आने के बाद से बिहार के स्वास्थ्य सुविधा पर भी सवाल उठने खड़े हो गए हैं और मानवाधिकार आयोग के संज्ञान के बाद इस मामले की निष्पक्ष जांच होने की उम्मीद है।

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