“नल जल योजना” लाभुकों से अब हर महीने 30₹ वसूलेगी सरकार.. जानिए –

न्यूज़ डेस्क : पिछले दिनों बिहार में एक योजना काफी सुर्खियों में रही है। यूं कहें तो पंचायत चुनाव में “जल-नल योजना” सबसे बड़ा मुद्दा रहा। इसके तहत बिहार के 97 फीसदी घरों में नल लगा दिया गया है। सरकार की इस योजना का उद्देश्य हर घर तक नल का जल पहुंचना है। हालाकिं, जल-नल योजना में धांधली से संबंधित शिकायतें आती रहती है। इस संबंध में पीएचडी विभाग ने अपने विभाग के अधिकारियों के साथ कई बैठकें की हैं और पानी की बर्बादी को कैसे रोका जाए, इसके लिए एक निगरानी दल का गठन किया है। इसके मेंटेनेन्स के लिए सभी लाभार्थियों को प्रति माह 30 रुपया वसुला जाएगा।

दरअसल, इस योजना को सुचारू रूप से चलाने के लिए या इस से संबंधित किसी बड़ी खराबी की मरमति कराने के लिए पंचायत लेवल पर एक मरमति टीम रखा जाएगा। यह दल पानी की बर्बादी रोकने से लेकर उसके पाइप या टंकी में आये खराबी को भी दूर करेगी। इसके अलावा लोगों को पानी का महत्व से जागरूक करवाया जाएगा। मालूम हो कि जल आपूर्ति की अवधि अक्टूबर से मार्च तक सुबह छह बजे से नौ बजे तक और अन्य महीने में सुबह पांच बजे से आठ बजे तक, सभी माह में शाम के चार बजे से सात बजे तक होती है।

वहीं अब संचालन के लिए एजेंसी द्वारा एक पंप संचालक को भी काम पर रखा जाएगा। जलापूर्ति योजना का फीडबैक लेने के लिए वार्ड के दो सदस्यों से प्रतिदिन मोबाइल नंबर पर फीडबैक भी लिया जाना है। इसके लिए सभी के लाभान्वित को 30 रुपये हर महीने देना होगा। हालांकि यह पैसा पंचायत चुनाव के वजह से नहीं नहीं लिया जा रहा था परंतु अब वसुला जाएगा।

बतातें चलें कि जिन लाभुकों के द्वारा निर्धारित पैसा नहीं दिया जाएगा उनको नोटिस भेज दिया जाएगा। इसके उपरांत भी पैसा नहीं देने पर उक्त व्यक्ति के पानी का कनेक्शन काट दिया जाएगा। अगर वो पुनः कनेक्शन लेंगे तो उन्हें 300 रुपया अधिक देना होगा। मालूम हो कि मुख्यमंत्री हर घर नल का जल योजना भाग दो के तहत पीएचईडी विभाग ने प्रदेश में स्थायी रूप से नियुक्त पंप संचालकों की जवाबदेही बढ़ा दी है। विभाग ने निगरानी दल व पंप संचालक को जिम्मेदारी देने का निर्णय लिया है।