सरकार ने किसानों को दिया बहुत बड़ा झटका! पिता-दादा के नाम पर है खेत, तो नहीं मिलेगी 6000 रुपये

डेस्क : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के किसानों की मदद के लिए किसान सम्मान निधि योजना की शुरुआत की थी, जिसके तहत किसानों के बैंक अकाउंट में मोदी सरकार हर साल 6 हजार रुपये जमा करती है. यह पैसे तीन किस्त में खाते में पहुंचते भी हैं। किसान सम्मान निधि योजना का लाभ उठाने वाले किसानों को सरकार की ओर से करारा झटका मिला है.

वैसे किसान जिनके पास पिता या दादा के नाम पर जमीन है उन किसानों को सरकार की ओर से किसान सम्मान निधि योजना के तहत 6000 नहीं मिलेंगे. पीएम किसान सम्मान निधि योजना का लाभ लेने के लिए किसान के नाम खेती की जमीन होनी चाहिए.यदि कोई किसान खेती तो कर रहा हो लेकिन खेत उसके नाम ना होकर उसके पिता या उसके दादा के नाम पर हो तो वह किसान इस योजना का लाभ नहीं उठा सकते हैं. इतना ही नहीं अगर कोई किसान खेती की जमीन का मालिक भी है लेकिन वह सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारी,पूर्व सांसद हो, विधायक या कोई मंत्री हो या इनके परिवार से कोई लोग हैं वह लोग हैं इस योजना का लाभ हो ये भी इस योजना का लाभ नहीं उठा सकते हैं।

किसान सम्मान निधि योजना को लेकर बनाया गया यह नियम इन नियमों के मुताबिक जिन्हें 10,000 रूपये या इससे अधिक पेंशन मिलती है वह सभी पेंशनर भी इस योजना के लाभार्थी नहीं बन सकते हैं। पेशेवर निकायों के पास रजिस्टर्ड डॉक्टर हो, इंजीनियर हो, वकील हो या फिर कोई चार्टर्ड अकाउंट हो उन्हें भी इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा। किसान सम्मान निधि योजना की शुरुआत पिछले साल फरवरी में हुई थी. किसानों को इस योजना का लाभ 1 दिसंबर 2018 से मिल रहा है अब तक किसानों के बैंक खातों में 6 किस्ते आ चुकी है.

जब यह योजना लागू हुई तब से लेकर अब तक किसानों के खाते में 12,000 रूपये ट्रांसफर किए जा चुके हैं. इस योजना के लिए शत प्रतिशत फंड केंद्र सरकार देती है और इसके तहत लाभार्थी किसानों को सालाना 6000 की राशि तीन किस्तों में दी जाती है. इस योजना के प्रत्येक लाभार्थी किसान को एक किस्त में 2000 रूपये दी जाती है. इस योजना का लाभ लेने के लिए किसान ऑनलाइन रजिस्टर किसान सम्मान निधि पोर्टल पर अप्लाई कर सकते हैं। कई बुजुर्ग किसानों का मानना है कि यह योजना कर्ज माफी की योजना से कहीं बेहतर है और वह इसका इस्तेमाल बीज खरीदने, पटवन करने या फिर खाद खरीदने में कर सकते हैं। सरकार का यह फैसला उन किसानों के लिए किसी झटके से कम नहीं है।