गलवान घाटी में शहीद हुए बिहार के लाल अमन सिंह को परिवार को गणतंत्र दिवस पर किया जाएगा सम्मानित

डेस्क : बिहार की धरती पर ऐसे वीर सपूतों ने जन्म लिया है जिनका कोई मुकाबला नहीं है आपको बता दें कि कोरोना काल में जब चीन ने कोरोना वायरस पूरे विश्व भर में फैलाया तो उसकी बाकी देशों ने खूब फजीहत की। लेकिन, चीन ने भारत पर 2 तरफा हमला किया पहला तो करोना वायरस से दूसरा भारत के एलएसी पर अपने सैनिकों को छोड़ा।

जब गलवान घाटी में चीन के सैनिक बिना जांच पड़ताल के भारत की सीमा में घुसने लगे तो कई भारतीय सैनिकों ने इसका विरोध किया। इस विरोध में चीनी सैनिक और भारतीय सैनिकों की झड़प हो गई थी। इस झड़प में बिहार के लाल अमन कुमार सिंह मौजूद थे आपको बता दें कि अमन कुमार सिंह की पत्नी और उनके माता-पिता को इस गणतंत्र दिवस पर सम्मान दिया जाएगा। पटोरी अनुमंडल के एसडीओ मोहम्मद जफर आलम की अध्यक्षता में विजय कुमार एसएसपी की मौजूदगी में गणतंत्र दिवस मनाया जाएगा।

यह सम्मान अनुमंडल प्रशासन के स्तर पर दिया जाएगा। एसडीओ का कहना है कि इस बार गणतंत्र दिवस पर जिन झांकियों का चयन नहीं हुआ है उन झांकी को निकालने की अनुमति नहीं मिलेगी। हालांकि, झांकियों का प्रवेश अनुमंडल स्थल में नहीं होगा और कोरोना के सभी प्रोटोकॉल्स को फॉलो किया जाएगा। जो भी कोरोना के निर्देशों का पालन नहीं करेगा उसको स्थल में जगह नहीं मिलेगी। हमेशा से होने वाले कवि सम्मेलन और मुशायरे का भी इस बार आयोजन नहीं किया जाएगा। वहीं दूसरी ओर दरभंगा और पटोरी की टीम के बीच फुटबॉल मैच का आयोजन किया जाएगा जो शाम जननायक कर्पूरी स्टेडियम में होगा।

आपको बता दें कि भारत के पूर्वी लद्दाख में गलवान घाटी मौजूद है और गलवान घाटी में चीन के सैनिक अक्सर ही अपनी जगह छोड़कर भारत की जगह कब जाने के लिए धीरे-धीरे आगे को बढ़ते रहते हैं जिसके चलते बिहार रेजिमेंट में मौजूद अमन कुमार सिंह एवं अन्य भारतीय सहयोगी सैनिकों ने चीनी सैनिकों का जमकर मुकाबला किया और दोनों ओर से जून 2020 में झड़प हुई। इस झड़प के दौरान बिहार के लाल अमन कुमार सिंह शहीद हो गए।

इस शहादत की खबर उनके परिवार वालों को भारतीय सेना के अधिकारी ने फोन पर दी हालांकि उस वक्त अमन लाल सिंह का पार्थिव शरीर भी नहीं प्राप्त हुआ था। लेकिन कुछ समय बाद अमन लाल सिंह के पार्थिव शरीर को खोज निकाला गया और घर पहुंचा दिया गया। परिवार वालों को एक तरफ घर का चिराग खोने का गम है तो दूसरी और उन्हें भारत माँ की शहादत देने वाले सैनिक पर गर्व है।