न्यूज डेस्क : बिहार सरकार की अतिमहत्वाकांक्षी योजना “सात निश्चय योजना” का काम जोर शोरों से चल रहा है और अब अंतिम पड़ाव पर पहुचने को है। दावा किया जा रहा है कि इस योजना का तकरीबन 80 फिसदी काम पूरा भी हो चुका है. इस निश्चय का उद्देश्य बिहार के लगभग दो करोड़ परिवारों को पाइप के माध्यम से नल द्वारा स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराना है।
आखिर हर एक वर्ड में कितना बिल आऐेगा और कौन भरेगा ? दरअसल हर घर नल जल योजना का पूरा बिजली बिल सरकार पे करेगी. एक वार्ड में मोटर पम्प चलने से हर महीने औसतन 2000 रुपये बिजली बिल पर खर्च आ रही है. पानी की बर्बादी नहीं हो इसके लिये सभी वार्डों में मोटर पम्प संचालन के लिये जिम्मेवार वार्ड एवं प्रबंधन समिति को सुबह दो घंटे और शाम में दो घंटे मोटर चलाने का निर्देश दिया गया है. पंचायती राज विभाग के अधीन आने वाले कुल 58,107 वार्डों में पंचायत राज सरकार की मार्फत लगाये गये मोटर पम्पों के एक साल के बिजली बिल पर औसतन 150 करोड़ रुपये खर्च आएगा. विभाग का आकलन है कि एक वार्ड में 2000 महीना के हिसाब से 24000 सालाना बिजली बिल पर खर्च आएगा.
ऐसे में पंचायतों को इस काम से मुक्त करते हुए सभी 58,107 वार्डों के बिजली बिल का खर्च राज्य सरकार अपने संसाधन से वहन करेगी. इसके लिए पंचायती राज विभाग ने प्रस्ताव तैयार कर उसकी अंतिम मंजूरी के लिए सरकार के पास भेजा है.