जानिये बिहार के सायकिल वाले विधायक को जो चुनाव जीतने के बाद भी जनता से मिलने सायकिल से जाते है

बेगूसराय : (शाहनवाज खान) बिहार का एक जिला है बेगसूराय करीब दो दशक पहले लोगबाग जिसे ‘लेनिनग्राद’ के नाम से भी जानते थे। बेगूसराय ‘राष्ट्रकवि’ रामधारी सिंह दिनकर का . ‘इतिहासकार’ रामशरण शर्मा का एवं राजनीति के लिहाज से हमेशा बहस में आगे रहने वाला जिला है। बिहार की औद्योगिक राजधानी के नाम से भी यह जिला जाना जाता है। वैसे तो इस जिले के परिचय में बहुत सी बातो का उल्लेख हो ही जाता है सामान्य जानकारी के लिए आपको बताते चलें कि जिले में सात विधानसभा हैं. उनमें से एक है तेघड़ा. किसी दौर में इसे बरौनी विधानसभा कहते थे। बाद में नए परिशिमन में इसे तेघड़ा विस क्षेत्र बना दिया गया । इस विधानसभा में खासतौर पर तेघड़ा, बीहट, मल्हीपुर, सिमरिया, रजवाड़ा जैसे इलाके आते हैं।

साल 2020 के चुनाव में यहाँ से साइकिल चढ़ने बाले नेता बने हैं विधायक जी हा हम बात कर रहे हैं 143 तेघडा विधानसभा के नवनिर्वाचित विधायक कामरेड राम रतन सिंह जो आज के आंडबर के दौर मे भी तेघडा विधानसभा से रिकार्ड मतो (लगभग 48 हजार) सादगी से अपनी जीत हासिल किया. सीपीआई के विधायक राम रतन सिंह कि जो पहले भी कई बार मुखिया और जिला परिषद सदस्य पद को सुशोभित कर चुके हैं और कई वर्षों से आरसीएसएस कॉलेज बिहट के सचिव और चांद सूरज हॉस्पिटल पपरौर के उप महानिदेशक भी रहे हैं स्टूडेंट क्लब जैसे कई संस्थाएं इनके संरक्षण में फल-फूल रही है।

जीतने के बाद भी सायकिल से ही पहुंचते हैं पार्टी कार्यालय इनके दिन की शुरुआत जनता की समस्याओं से शुरू होती है और दिन का अंत भी इसी इसी तरह होता है प्रत्येक दिन सुबह 9:00 बजे से ए अपनी साइकिल से बरौनी सीपीआई कार्यालय पर पहुंच जाते हैं और जनता के लिए दिनभर सुलभ रहते हैं कम संसाधन उपलब्ध होने के बावजूद भी एक क्षेत्र की जनता के सुख दुख में हर दम हंसते और रोते नजर आते हैं समस्या चाहे थाना का हो चाहे पढ़ाई लिखाई का हो चाहे आपसी विवाद का हो या हॉस्पिटल के लिए मरीजों का हो तुरंत सर्व सुलभ राम रतन सिंह के पास लोग पहुंचते हैं

सादगी इतनी कि पहले उप मुखिया फिर मुखिया फिर जिला पार्षद और अब विधायक बनने के बाद भी वह साइकिल से ही चलते हैं लोग इन्हें आज भी प्यार से मुखिया जी ही कहते हैं । इनका मानना है कि हमारी जनता गरीब है जीवन की समस्याओं से दुखी है और यही जनता हमारी मालिक है इनके सुख दुख में साथ रहना ही हमारी जिम्मेदारी है बता दें राम रतन सिंह विधुर है इस विधानसभा चुनावी नामांकन भरते समय इनके पास केवल ₹2000 नगदी रुपए थे और उनके कुटुंब के पास 3000 नगदी रुपया थे जिनसे इन्होने अपना नामांकन भरा था।

गरीब और अमीर विधायक का आंकड़ा भी जान लीजिए अगर हम बात करें गरीबी और अमीरी की करे तो एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्मर्स की रिपोर्ट के मुताबिक गरीब राज्य बिहार में 243 विधायकको मे जीत कर आए कुल 194 यानी 81 फ़ीसदी विधायक करोड़पति है, 17 फ़ीसदी विधायक लखपति और बचे दो फ़ीसदी विधायक गरीब है जिनमें तेघड़ा के विधायक राम रतन सिंह भी आते हैं सबसे अमीर विधायक में सर्वप्रथम अनंत कुमार सिंह जिन्हें बिहार में कौन नहीं जानता होगा जिनके पास ₹682600000 की संपत्ति के साथ यह पहले नंबर पर हैं वही भागलपुर के कांग्रेसी विधायक अजीत शर्मा के पास ₹400000000 की संपत्ति है ।

तो तीसरे नंबर पर नवादा की आरजेडी विधायक विभा देवी जो ₹290000000 से अधिक की मालकिन है इसी क्रम में देखा जाए तो मुजफ्फरपुर के सकरा सीट से जेडीयू विधायक अशोक कुमार चौधरी खगड़िया के प्रवक्ता सीट से डॉक्टर संजीव कुमार संडे संदेश सी की किरण देवी दरभंगा रूलर सीट से जीते ललित कुमार यादव छठ पटिया के उमाकांत सिंह ऐसे बहुत से विधायकों के नाम है जिनके पास कई करोड़ रुपए की संपत्ति है वही हम दोस्ती गरीब विधायक बात करते हैं तो सबसे पहले आरजेडी के टिकट पर लवली सीट से जीते हुए प्रत्याशी रामवृक्ष सदा सादा जिनकी कुल संपत्ति महज ₹70000 है वही पटना के फुलवारी शरीफ से सीपीआईएमएल सीट के विजेता उम्मीदवार अपनी संपत्ति ₹100000 घोषित की है इसी खड़ी में जीते प्रत्याशी नाम राम रतन सिंह और अगियोन के मनोज मंजिल का भी नाम आता है ।