डेस्क : हमेशा से ही समाज से अलग-थलग रहे एक ऐसे वर्ग को भी महा छठ पर्व पर आस्था रखने का पूरा हक है। ऐसा इसलिए क्योंकि आज का वक्त और आज का दौर बीते 100 वर्ष के दौर से अलग हो चुका है जहां एक समय पर एक वर्ग के लोगों को आस्था में विश्वास रखने की अनुमति तक नहीं थी वही आज किन्नर समाज के लोग भी छठ के महापर्व पर बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते नजर आ रहे हैं।
आपको बता दें कि बीते 15 सालों से भी ऊपर हो चुका है और बिहार के बलिया जिले से किन्नर भी छठ पर्व को धूमधाम से मनाते आ रहे हैं। किन्नर समाज पूरे विधि विधान के साथ यह पूजा अर्चना करते हैं और विश्व शांति की कामना करते हैं। और, हो भी क्यों ना आखिर छठी मइयां ना ही आदमियों के लिए कोई बैर करती है ना ही महिलाओं के लिए और ना ही किसी भी वर्ग के लिए। क्यूंकि पूजा अनुष्ठान के लिए अलग से कोई प्रावधान नहीं है। जिसकी भी आस्था है वह इसको कर सकता है।
जब मीडिया कर्मियों ने किन्नरों के पास जाकर बातचीत की तो उनका कहना था कि हम पूरी श्रद्धा भक्ति के साथ छठी मैया की पूजा करते हैं और पूरे विश्व जहान के सुख शांति एवं अमन-चैन की कामना करते हैं। इस बार हमारी यह प्रार्थना है कि कोरोना वायरस से सबको जल्द मुक्ति मिल जाएं।