बिहार का लाल पहुंचा ISRO – अब करेंगे देश के लिए रिसर्च..

डेस्क : बिहारवासी अपने ज्ञान और मेहनत को लेकर पूरे विश्व में जाने जाते हैं। आज के समय देश विदेश के हर क्षेत्र में बिहार वाले कार्यरत हैं। इसी कड़ी बिहार के एक और सपूत ने राज्य का नाम रौशन किया है। दरभंगा के अनिकेत का चयन अटल – 1 यान में रिसर्च करने के लिए हुआ है। अनिकेत का चयन स्टेज सैपरेशन सिस्टम रिसर्च बोर्ड में शोधकर्ता के तौर पर हुआ है। ये प्रदेश समेत पूरे देख के लिए गर्व का छण है। राज्य के दरभंगा के एक छोटे गांव से निकल कर इतनी बड़ी कामयाबी पाना खुशी की बात है।

अनिकेत के पिता डॉ. महेश मोहन झा पेशे से वित्तरहित महाविद्यालय में प्राध्यापक के पद पर हैं। परिवार की स्थिति कमजोर रहने के बाद भी दफ्तर जाने बेटी की शिक्षा से समझौता ना करते हुए बेहतर पठन-पाठन देने के लिए हर संभव प्रयास किए। बता दें कि कुमार अनिकेत रुड़की के कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग के बीटेक कंप्यूटर साइंस थर्ड ईयर के स्टूडेंट हैं। इनका सिलेक्शन पढ़ाई के दौरान ही isro के प्रोजेक्ट में हुआ है।

अटल-1 भारत का पहला अंतरिक्ष यान होगा। चूंकि इसे कई बार इस्तेमाल किया जाएगा, इसलिए इसे री-पर्पस ट्रेनिंग अटल -1 वाहन नाम दिया गया है। अनिकेत अपना सफर बताते हुए कहते हैं कि अनिकेत को भारतीय सुदूर संवेदन संस्थान, देहरादून में भी चुना गया है, जो कि अटल -1 वाहन परियोजना में एक शोधकर्ता के रूप में चयन से पहले ही भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की एक शाखा है। अनिकेत के इस उपलब्धि ने परिवार का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया है।