बिहार : अब सभी अस्पतालों में स्थानीय भाषाओं में मिलेगी जानकारी, जानें – पूरी बात..

न्यूज डेस्क : अब आप बिहार में किसी भी सरकारी अस्पताल में जाएंगे तो आपको आपके स्थानीय भाषा में समझाया जाएगा। जी हां यह आपके लिए एक बड़ी खुशखबरी है। कई बार ऐसा देखने को मिलता है कि ग्रामीण क्षेत्रों से अस्पताल जाने वाले बुजुर्गों को भाषायिक समस्याओं से जूझना पड़ता था, जिससे अब निजात मिल जाएगी। अब मरीजों को उनके स्थानीय भाषा में किए गए इंक्वायरी का जवाब दिया जाएगा। इस प्रणाली को स्वास्थ्य की नई संचालन प्रक्रिया (एसओपी) में शामिल किया गया है। इसके लिए अस्पतालों में मगही, भोजपुरी, मैथिली और बज्जिका जैसी भाषाओं के जानकारों को रखा जाएगा।

स्वास्थ्य विभाग पिछले तीन माह से सरकारी अस्पतालों में मरीजों को निजी अस्पताल जैसी सुविधाएं देने का सिलसिला चला रहा है। विभाग का सबसे ज्यादा फोकस अस्पतालों में डॉक्टरों और नर्सों की मौजूदगी के साथ ही दवाओं की उपलब्धता पर है। इसी व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए सितंबर माह में मिशन 60 भी शुरू किया गया था। मिशन 60 के तहत अस्पतालों में कई अहम बदलाव किए गए हैं।

भाषा के जानकार देंगे जानकारी

इसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए अस्पतालों में हेल्प डेस्क स्थापित करने और उन पर स्थानीय भाषा विशेषज्ञ नियुक्त करने का निर्णय लिया गया है। एसओपी में इसकी व्यवस्था करने के बाद अब स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत के स्तर पर अस्पताल प्रबंधन को अपने स्तर पर स्थानीय भाषा विशेषज्ञों की नियुक्ति करने के निर्देश दिए गए हैं। अस्पताल प्रबंधन को ऐसे कम से कम पांच विशेषज्ञ रखने को कहा गया है। विभाग को इस काम को प्राथमिकता से करने के निर्देश दिए गए हैं। यह भी कहा गया है कि हेल्प डेस्क की व्यवस्था को जल्द से जल्द प्रभावी बनाया जाए।