डेस्क: बिहार सरकार द्वारा लगातार जमीनी विवाद मुद्दा को और आसान करने के लिए नए-नए पहल कर रही है, क्योंकि सूबे हर बीते दिन जमीनी विवाद को लेकर खूनी खेल खेला जाता है, इसी बीच भूमि सुधार विभाग के द्वारा जल्दी प्रदेश के 9 शहरों के जमीन को ऑनलाइन पोर्टल पर अपडेट कर दिया जायेगा। यही नहीं शहर के जीआईएस प्लान पर क्लिक करते ही चौड़ी और संकरी सड़कों से लेकर नदी, तालाब, ग्रीन जोन, औद्योगिक और आवासीय इलाका दिख जाएगा। राज्य सरकार ने प्रदेश के नौ शहरों का चयन जीआईएस आधारित प्लानिंग के लिए किया है।
मिली जानकारी के मुताबिक, नगर विकास विभाग की ओर से जीआईएस (GIS) आधारित प्लानिंग के लिए अररिया, फारबिसगंज, खगड़िया, लखीसराय, जमुई, भभुआ, शिवहर, सीतामढ़ी और मधुबनी का चयन किया गया है। इसमें अलग-अलग उपयोग वाली जमीन, जमीन का सही मूल्यांकन, यहां तक कि खास इलाके की खास ऊंचाई तक की स्थिति के बारे में भी सामान्य रूप से जानकारी ली जा सकती है। आगे के चरणों में बाकी शहरों का भी चयन किया जा सकता है। नगर विकास विभाग ने 20 शहरों को विस्तारित योजना के लिए चयन किया है। इनमें से नौ को जीआईएस आधारित प्लानिंग के लिए चुना गया है।
जानिए इससे लोगों को क्या फायदा होगा?
बता दे की GIS आधारित सिस्टम से मास्टर प्लान में पारदर्शिता आएगी, वही लोग जमीन खरीदने से पहले उसकी वस्तुस्थिति Online ही जान सकेंगे, इसके साथ ही सरकारी विभाग, निजी व्यक्ति और कंपनियां जमीन को लेकर जल्द फैसला ले सकेंगी। जमीनी या अंडरग्राउंड सुविधाओं की GIS मैपिंग से कोई भी विभाग काम करना चाहेगा तो प्लानिंग एरिया तय करने से पहले इन सभी स्थितियों को देख सकेगा।नक्शा व ले-आउट तकनीकी रूप से परिपूर्ण होंगे। क्षेत्रों का निर्धारण, प्रॉपर्टी की जानकारी, सड़कों और रास्तों की बारीकियां होने से भूल या गलती की आशंका कम होगी।