कुछ माह तक मामलों के कम होने के बाद बिहार सहित पूरे देश में कोरोना ने एक बार फिर से रफ्तार पकड़ ली है। राज्य में कोरोना के मामले पिछले दो-तीन दिनों से लगातार बढ़ रहे हैं और डेढ़ माह बाद पहली बार गुरुवार को 100 से अधिक मरीज मिलें। कोरोना के बढ़ते हुए मामलों को देखते हुए राज्य सरकार भी मुस्तैद हो गई है औऱ इसे रोकने के लिए विभिन्न तरह के कदम उठा रही है। इसी क्रम में राज्य स्वास्थ्य विभाग ने सभी स्वास्थ्य कर्मियों की छुट्टियों को रद्द कर दिया है।
स्वास्थ्यकर्मियों की छुट्टियों पर रोक- कोरोना के बढ़ते हुए मामलों को देखते हुए राज्य स्वास्थ्य विभाग ने सभी स्वास्थ्यकर्मियों की छुट्टियों पर रोक लगाते हुए 5 अप्रैल तक की सभी छुट्टियों को रद्द कर दिया है। स्वास्थ्य विभाग ने पहले से छुट्टी पर गए स्वास्थ्यकर्मियों को भी वापस आने का आदेश दिया है। स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त सचिव अनिल कुमार ने इस संबंध में आदेश जारी किया है। इस निर्देश के मुताबिक राज्य के सभी चिकित्सा पदाधिकारियों , प्राचार्य एवं अधीक्षक, जूनियर रेजीडेंट ,स्वास्थ्य प्रशिक्षक, पारा मेडिकल्स, जीएनएम, एएनएम, शल्य कक्ष सहायक सहित अन्य सभी स्वास्थ्यकर्मियों की छुट्टियों को रद्द कर दिया गया है।
राज्य में बढ़ रहे हैं मामले- राज्य में कोरोना के मामले एक बार फिर से बढ़ने लगे हैं।गुरुवार को राज्य भर में 107 नए मरीज सामने आए हैं। 2 फरवरी के बाद पहली बार एक दिन में पॉजिटिव पाए गए लोगों की संख्या 100 के पार हुई है। कोरोना के बढ़ते हुए मामलों को देखते हुए राज्य सरकार ने भी जरूरी कदम उठाने चालू कर दिए हैं। होली में बाहर से आ रहे लोगों पर भी विशेष नजर रखी जा रही है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कोरोना के मामले पर 21 मार्च को बड़ी बैठक करेंगे। इस बैठक में सभी जिलों के डीएम, सिविल सर्जन, मेडिकल कॉलेजों के प्राचार्य व अधीक्षक भी शामिल होंगे। बैठक में कोरोना से उपजे हालतों की समीक्षा करके मुख्यमंत्री कुछ बड़ा ऐलान भी कर सकते हैं।