Bihar में 1.12 करोड़ की लागत से बना पंप हाउस महज 6 दिन में गिर गया..

डेस्क : पटना के वार्ड संख्या 69 के भैसानी टोला में एक हफ्ते पहले शुरु किए गए बोरिंग पंप का नवनिर्मित भवन शनिवार के अहले सुबह धराशायी हो गया। इसके गिरने से अलग – बगल के मकान हिल गए और पाईप क्षतिग्रस्त होने से पानी तेज़ी से बहने लगा जो निर्माणाधीन सामूदायिक भवन में गिरने लगा। विद्युत सेवा भी बाधित रही। बोरिंग पंप से जलापूर्ति ठप हो गई और स्थानीय लोग अनहोनी की आशंका में घर से बाहर निकल आए।

गिरे मकान को देखने भीड़ इकट्ठा हो गई। जल पर्षद के सहायक अभियंता विनोद कुमार तिवारी ने कहा कि भवन गिरने से पंप ठप हो गया है। बोरिंग पंप की स्थिति की जांच की जा रही है। इससे लगभग एक दर्जन मोहल्लों में पेयजल की किल्लत हो गई है। शनीवार को वार्ड पार्षद विकास कुमार उर्फ़ विक्की ने बताया कि बंद पड़े बस स्टैंड में भवन निर्माण विभाग द्वारा सामूदायिक भवन निर्माण के चलते नियम को भूलकर खोदे जा रहे गढ्ढे के कारण नवनिर्मित बोरिंग का भवन धराशायी हो गया।

उन्होने बताया कि शुक्रवार की रात 12 बजे भवन निर्माण विभाग के लोगों ने जेसीबी से खोदे जा रहे गढ्ढे को भैसनी टोली के बोरिंग पंप की तरफ नहीं खोदने का अनुरोध किया। तब काम बंद कर दिया। फिर 3 बजे सुबह जेसीबी से दुबारा खुदाई का काम शुरु कर दिया गया। अधिक गढ्डा हो जाने से भवन गिर गया जिससे काफ़ी क्षति हुई है। वहीं भवन निर्माण विभाग अधिकारी इस बारे में कुछ कहने से बचते रहे हैं।

19 जून को 1 करोड़ 12 लाख की लागत से बनने वाला नवनिर्मित उच्च प्रवाही जलापूर्ति बोरिंग पंप का उद्घाटन महापौर सीता साहू, पार्षद विकास कुमार उर्फ़ विक्की और नितिन कुमार रिंकु ने किया था। बोरिंग पंप चालू होने के बाद भैसानी टोला, मालसलामी, बड़ी बगीचा, भरतपुर सिमली, रामजनकी ठाकुरबाड़ी गली, मसूरगंज, छोटी नगला मोहल्ला के लोगों को पेयजल संकट से राहत मिली थी। पंप के ठप्प होने से लगभग 20 हज़ार की आबादी त्रस्त है।