न्यूज डेस्क: बिहार में आज भी अधिकांश लड़ाई जमीनी विवाद को लेकर है। कई बार लोगों को जमीन के संबंध में जानने के लिए खतियान देखने की आवश्यकता होती है, जो हर किसी के पास उपलब्ध नहीं है। इसके लिए अब यदि आपको भी इसकी कभी जरूरत पड़ी है तो यह खबर आपके लिए है। दरअसल, अब जितने भी पुरानी जमीन के कागजात हैं सभी को डिजिटल कर दिया जाएगा। इससे आप बस 5 मिनट में ही अपनी जमीन से जुड़े खतियान को देख पाएंगे।
हालांकि यह सुविधा अगले साल से मिलेगी क्योंकि पटना रिकॉर्ड रूम में रखे कागजातों के डिजिटाइजेशन की जिम्मेदारी एक एजेंसी को सौंपी गई है। गांधी मैदान स्थित पटना सदर प्रखंड में जिला रिकार्ड रूम संचालित किया जा रहा है। यहां पटना जिले के 23 अंचलों का भू-अभिलेख रखा जाता है। करीब एक लाख फाइलें ऐसी हैं जो करीब 113 साल पुरानी हैं लेकिन ज्यादातर फाइलें अब फट रही हैं।
रिकॉर्ड रूम के अधिकारियों ने पुराने दस्तावेज को डिजिटाइज करने का अनुरोध किया था। इसी के आधार पर यह काम किया जा रहा है। इससे पहले जमीन का खतियान दिलाने के लिए जिला रिकार्ड रूम में पैसा जमा कर चिरकुट दाखिल किया गया था। उसके बाद खतियान की फोटोकॉपी दी गई लेकिन पुराने रिकॉर्ड खोजने में काफी समय लग जाता था।
नई व्यवस्था के तहत सभी दस्तावेज कम्प्यूटरीकृत होंगे। अगर किसी को खतियान चाहिए तो वह फॉर्म में जमीन का पूरा ब्योरा देगा। उन्हें रिकॉर्ड रूम से कंप्यूटराइज्ड खतियान उपलब्ध कराया जाएगा, जिसे देने में सिर्फ पांच मिनट का समय लगेगा। अपर कलेक्टर राजस्व रमन कुमार सिन्हा ने बताया कि 2023 से लोगों की खतियानों की कम्प्यूटरीकृत प्रति उपलब्ध हो जायेगी